








जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में उपचुनाव के बाद अब एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज होने लगी है। इस बीच, खबर यह आ रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 10 अक्टूबर के बाद कभी भी दिल्ली जा सकते हैं। दिल्ली में उनकी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ मुलाकात प्रस्तावित है। इस दौरान सीएम गहलोत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा करेंगे।
जानकारों की माने तो प्रियंका गांधी के साथ होने वाली प्रस्तावित बैठक में नामों पर चर्चा के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार पर मुहर लग सकती है। इसके बाद सीएम गहलोत अपनी सरकार की तीसरी वर्षगांठ पूरी होने पर मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। आपको बता दें कि पार्टी में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर बीते डेढ साल से एक गुट सक्रिय है। यह गुट लगातार पार्टी आलाकमान पर इसे लेकर दबाव भी बना रहा है। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट से चार विधायकों को जगह मिल सकती है। इनमें हेमाराम चौधरी, बृजेंद्र ओला, मुरारी मीणा और दीपेंद्र सिंह शेखावत का नाम चर्चा में है। हालांकि, इन पर अभी अंतिम फैसला कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को करना है।
पट्टे को लेकर बड़ी खबर, जोनल डवलपमेंट प्लान अंतिम चरण में, नवम्बर के दूसरे सप्ताह में…
जयपुर। प्रदेश में प्रशासन शहरों के संग अभियान में इस बार जनभागीदारी बढ़ नहीं पाई है। खासतौर से लोगों की पट्टा लेने की हसरत पूरी नहीं हो रही। बिना जोनल डवलपमेंट प्लान के पट्टा जारी करने पर हाई कोर्ट की रोक के कारण प्रदेश के ज्यादातर निकायों में पट्टा देने का काम न के बराबर चल रहा है। अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस माह के दूसरे पखवाड़े में जोनल डवलपमेंट प्लान बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है। संभवत: 15 नवम्बर तक सभी शहरों में इन्हें नोटिफाई कर दिया जाएगा। इसके बाद पट्टे देने को लेकर हाई कोर्ट के आदेश की बाध्यता खत्म हो जाएगी।
ऐसे बनता है जोनल डवलपमेंट प्लान
जोनल डवलपमेंट प्लान बनाने के लिए शहर को 5 से 6 जोन में बांटा जाता है। इसके साथ ही प्रत्येक जोन की डवपलमेंट योजना बनाई जाती है। इसमें आवास के अलावा सार्वजनिक भवन, सड़क, जन सुविधा केन्द्र, पार्क, व्यवसाय, मनोरंजन केन्द्र तथा स्कूल आदि के लिए जगह चिन्हित करते हैं। इसके अलावा बिजली, पानी, अंदरुनी सड़कों जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी प्लानिंग भी इसी का हिस्सा है।
आपको बता दें कि जोनल प्लान बनने के बाद प्रशासन शहरों के संग अभियान में जनभागीदारी बढ सकती है। यह अभियान दो अक्टूबर को शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक इसे लेकर केवल खानापूर्ति ही हुई है।





