बीकानेर abhayindia.com राजस्थान सरकार की ओर से पान मसाला में तम्बाकू सहित अन्य हानिकारक तत्वों की जांच के बाद पाबंदी के आदेश जारी होते ही शहर की दुकानों से पान मसाला सहित अन्य तम्बाकू उत्पाद गायब हो गए हैं। लेकिन इसके उलट इन पर कालाबाजारी बढ़ गई है। थोक विक्रेताओं ने डेढ़ से दोगुने तक दाम कर दिए हैं। इसके चलते खुदरा दुकानदारों ने भी दामों में बेहताशा वृद्धि कर दी हैं। वहीं दुकानदार भी हर किसी को तम्बाकू उत्पाद नहीं बेच रहे हैं। पहले तो वे उपभोक्ताओं को पान मसाला नहीं होने की बात कहते हैँ, लेकिन जब उपभोक्ता अधिक दबाव डालता है तो दुकानदार दुगने दामों में दराज में से पान मसाला निकाल कर दे देता है।
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सरकार के आदेश की आड़ में कालाबाजारी जोरों पर है। दिन भर शहर में दुकानों पर पता किया तो दुकान पर पान मसाला तथा तम्बाकू हटा दिए गए हैं। इधर राज्य सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर दुकानदार ही नहीं चिकित्सा विभाग के अधिकारी भी असमंजस में हैं। अभी तक यह ही साफ नहीं हो पाया है कि जांच किस स्तर पर और किसकी करनी है। इसको लेकर भी दुकानदारों में भ्रम बना हुआ है। इसके चलते किसी भी प्रकार की कार्रवाई से बचने के लिए दुकानदारों ने पान मसाला दुकानों पर प्रदर्शित करना ही बंद कर दिया है।
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राज्य सरकार ने गांधी जयंती पर युवाओं मेंं नशे की लत रोकने के लिए मिलावटी पान मसाला पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जोड़ा है। इसके तहत राज्य में मैग्निशियम कार्बोनेट, निकोटिन, तम्बाकू अथवा मिनर ल ऑयल युक्त पान मसाला एवं फ्लेवर्ड सुपारी का उत्पादन, भण्डारण, वितरण एवं बिक्री पर अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया है।