Saturday, April 27, 2024
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बीकानेर : आंशिक नहरबंदी कल से शुरू, 21 अप्रेल से होगी पूर्णबंदी, …

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पेयजल आपूर्ति व्यवस्थाओं में जुटा विभाग, 21 अप्रैल से 19 मई तक एक दिवस के अन्तराल से पेयजल वितरण

बीकानेर abhayindia.com इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत का कार्य चलेगा। इसके चलते इस बार 60 दिन नहरबंदी होगी, जो सोमवार से प्रस्तावित है। पहले चरण में यह 21 मार्च से आंशिक रहेगी, लेकिन 21 अप्रेल से 19 मई तक पूर्ण नहरबंदी हो जाएगी। उस दौरान पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित होगी।

नहरबंदी में इस बार पेयजल संकट नहीं रहे, जलदाय विभाग इसके प्रयास में जुटा है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना की अेर से 21 मार्च से 19 मई तक 60 दिवस की प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान पेयजल वितरण की प्रभावी व्यवस्था की जाएगी।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता बलवीर सिंह ने बताया कि नहरबंदी के प्रथम 30 दिनों तक कम मात्रा में नहरी जल प्रवाह होगा। शेष दिनों में नहरों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध नहीं होने के कारण जलयोजनाओं पर उपलब्ध पानी को ही शेष नहरबंदी की अवधि में वितरण किया जाना है।

…तो होगी कटौती

नहरबंदी के कारण जिले की सभी नहरी जल आधारित ग्रामीण योजनाओं की सप्लाई में कटौती कर जल वितरण किया जाएगा एवं बीकानेर शहर के उपभोक्ताओं को 21 अप्रैल से 19 मई तक एक दिवस के अन्तराल से जल उपलब्ध करवाया जाना संभव होगा। नहरबंदी के दौरान पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने के लिए जिला कलक्टर की ओर से उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में रेपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है। इसमें संबंधित सहायक अभियंता, और तहसीलदार सदस्य होंगे। इनके द्वारा पेयजल व्यवस्था की नियमित समीक्षा की जाएगी एवं समस्याओं के तत्काल निस्तारण की कार्यवाही की जाएगी।

अधीक्षण अभियंता ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं से नहरबंदी एवं ग्रीष्मऋतु के दौरान जल का मितव्ययता से उपयोग करने व यथासंभव जल संग्रहण का आह्वान किया है। पेयजल संबंधी किसी समस्या के समाधान के लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष में संपर्क कर (0151-2226454) किया जा सकता है।

200 किमी तक मरम्मत

इंदिरा गांधी नहर में राजस्थान के हिस्से की मुख्य नहर में 200किमी तक मरम्मत का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा पंजाब की सरहिन्द नहर की मरम्मत भी कराई जाएगी। इसमें 100 किमी तक मरम्मत प्रस्तावित है, वहीं 44 किमी पूर्व में हो चुकी है, 40 किमी इस बार होगी।

ऐसे हुआ संभव…

 

पंजाब के हरीके बेराज से शुरू होने वाली इंदिरा गांधी नहर बीते ६० साल से चल रही है। इस बार पंजाब, राजस्थान और केन्द्र सरकार की त्रिपक्षीय समझोता वार्ता हुई थी, इसके बाद पंजाब ने अपने हिस्से की नहर में मरम्मत कराने की सहमति प्रदान की है। ऐसे में अब पंजाब अपने क्षेत्र में नहर की मरम्मत कराएगा, लेकिन उसका खर्च केन्द्र और राजस्थान सरकार वहन करेगी।

पंजाब हिस्से में नहर की लंबाई 444 किमी है। वहीं राजस्थान के हिस्से में 220 किमी तक फीडर और इसके बाद 440 किमी तक लंबी नहर है, जो जैसलमेर के मोहनगढ़ तक जाती है। राज्य सरकार नहर मरम्मत के लिए 40 और केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत खर्च उठाएगी। नहर विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस नहर में रोजाना 1300  क्यूसेक पीने का पानी चलता रहता है। इससे दस जिलों की प्यास बुझती है।

1 करोड़ 70लाख लोग प्रभावित

इंदिरा गांधी नहर के पानी पर 1 करोड़ 70 लाख लोगों की आबादी निर्भर है। इन लोगों की प्यास यह नहर ही बुझाती है, इस स्थिति में यह नहर स्वयं संरक्षित रहनी जरूरी है, इसी उद्देश्य से इसकी मरम्मत का कार्य किया जात है।

यह जिले होते हैं लाभान्वित….

इंदिरा गांधी नहर के पानी से हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, चूरू, सीकर, झुझुंनूं, नागौर, बाडमेर जिले के वाशिंदों की प्यास यह नहर बुझाती है। इसमें से ६ जिले ऐसे भी है जिनको सिंचाई का पानी मिलता है।

1960 में निर्माण शुरू हुआ…

इंदिरा गांधी नहर का निर्माण 1960 में शुरू हो गया था। वहीं 1984 में यह पूरा हुआ। इसके बाद से पूरी मरम्मत नहीं हो सकी। खासकर पंजाब के हिस्से को मरम्मत की नितांत आवश्यकता थी। क्योंकि वो काफी पुरानी हो चुकी है और टूटने की आशंका बनी रहती थी।

इस बार पंजाब सरकार मरम्मत के लिए राजी हुई है। यह हरीके बेराज से शुरू होकर जैसलमेर के मोहनगढ़ तक आती है। इस नहर का नेटवर्क 8 हजार किलोमीटर तक फैला है। इस नहर के पानी से 10 जिलों की प्यास बुझती है, इसमें 6 जिलों को सिंचाई पानी भी मुहैया कराती है। मोटेतौर पर राजस्थान के लिए भी यह जीवनदायनी है। दूर तक फैले रेगिस्तान के समंदर के बीच खेती और पीने के लिए पानी इस नहर से मिलता है।

किल्लत नहीं हो ऐसे प्रयास…

“नहरबंदी के दौरान किसी भी तरह की पेयजल किल्लत नहीं होगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर बीते दिनों पानी का भंडारण किया गया था। वहीं जलदाय विभाग के जलाश्यों में भी पानी भर दिया गया है। पूर्णतय नहरबंदी तो इस बार 30 दिन की है, इस अवधि में किसी तरह का संकट नहीं आएगा। इसके प्रसास किए जा रहे हैं। नियमित रूप से जलदाय विभाग के अधिकारियों भी समन्वय चल रहा है। जिला कलक्टर भी निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं।”

हरीश छतवाणी, अधीक्षण अभियंता, आईजीएनपी रेगुलेशन, बीकानेर

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