मुकेश पूनिया/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। उत्तरी इलाकों में तेज बर्फबारी के चलते बीकानेर को सर्द हवाओं ने जकड़ लिया है, लेकिन शहर सहित जिले भर में संचालित निजी स्कूल शिक्षा के अधिकार एवं शिविरा पंचांग की सरेआम धज्जियां उड़ा कर मनमर्जी से ही स्कूलों का संचालन कर रहे हैं। निजी स्कूल संचालकों की मनमर्जी ने नन्हें–मुन्ने बच्चों की परेशानी बढ़ा दी है।
हालात यह है कि हर रोज अलसुबह जल्दी उठकर यह नौनिहाल नहाकर बसों के इंतजार में सर्द हवाओं में खड़े रहते हैं। इससे कई बच्चे सर्दी–जुकाम, खांसी और वायरल से जकड़ रहे हैं। तेज सर्द हवाओं एवं अलसुबह बच्चे को नहलाने से सर्दी–जुकाम एवं खासी की शिकायत के साथ ही वायरल बुखार से ग्रस्त हो रहे हैं। स्थितियां यह है कि कई बच्चे निमोनिया के भी शिकार हो रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभागीय अधिकारियों एवं प्रशासन की सुस्ती के चलते निजी स्कूल संचालक अपने पर परागत पटरी से नीचे नहीं उतर रहे हैं। जानकारी में रहे कि शीतकालीन सत्र शुरू होते ही शिविरा पंचांग के अनुसार इन दिनों समस्त राजकीय विद्यालय सुबह साढ़े नौ बजे से संचालित हो रहे हैं। प्रावधानुसार समस्त निजी स्कूलों को भी शिविरा पंचांग के अनुसार ही स्कूलों समय रखना होता है। लेकिन, अधिकारियों की सुस्ती के चलते शहर सहित जिले भर के निजी विद्यालयों के संचालक अपने हिसाब से ही स्कूल का समय चला रहे हैं।
सुबह सवा सात बजे से
बुधवार अल सुबह जब शहर के प्रमुख मार्गो का दौरा किया तो अधिकांश जगह चार से दस वर्ष तक के स्कूली बच्चे सुबह सात–सात बजे स्कूल बसों के इंतजार में कहीं खड़े, तो कहीं बैठे नजर आए। कई स्कूलों की बसे साढ़े सात बजे बच्चों को स्कूल की तरफ ले जाती दिखी। वहीं, कुछ अभिभावक अपने नौनिहालों को खुद बाइक पर आगे बिठाकर स्कूल तक छोड़ते नजर आए।
गांव से भी आती हैं स्कूली बसें
अलसुबह केवल शहरी क्षेत्र के बच्चे सर्द हवाओं के बीच स्कूल जाते नहीं दिखे। स्थितियां यह है कि आसपास के आठ–दस किलोमीटर के क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में बच्चे जिला मुख्यालय पर संचालित स्कूलों में पढऩे के लिए आते हैं और यह जीप–बसों में सुबह करीब साढ़े सात बजे तक यहां आते हैं। ऐसे में सोचनीय है कि यह बच्चे वहां से कितनी बजे निकल रहे होंगे।
विधायक सुमित गोदारा का जनसेवक आभार यात्रा में जगह-जगह स्वागत