बीकानेर Abhayindia.com मिशन अगेंस्ट डेंगू के तहत जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के निर्देशानुसार सीएमएचओ डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार के नेतृत्व में स्वास्थ्य दल द्वारा मोहता सराय से लेकर शीतला गेट क्षेत्र तक एंटी लार्वा गतिविधियाँ करते हुए बड़ी तादाद में पनप रहे मच्छरों के लार्वा नष्ट कर जन जागरण किया गया। 1 दिन में 36 केस का आंकड़ा छूने से चिकित्सा विभाग ही नहीं जिला प्रशासन हाई अलर्ट मोड में आ गया।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने शनिवार शाम को ही पूरे विभाग को मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दे दिए। उन्होंने प्रत्येक डेंगू केस के इर्द–गिर्द 50 घरों में सघन एंटी लारवा गतिविधियां कर मच्छरों के प्रसार को रोकने के निर्देश दिए।
सीएमएचओ डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार ने कहा है कि गत वर्ष देश भर में डेंगू का प्रकोप रहा है। इसके मद्देनजर हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी होगी और मच्छरों को पनपने से रोकना होगा। विभाग अपना पूरा जोर लगा रहा है, आमजन को भी जुडना होगा।
डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि एक जून से जारी विशेष डेंगू रोधी अभियान के अंतर्गत जिले भर में एंटी लार्वा गतिविधियां की जा रहीं हैं। प्रत्येक पीएचसी–सीएचसी व उपकेन्द्र को अपने–अपने क्षेत्र में मच्छरों की फेक्ट्रियां बंद करवाने के लिए पाबन्द किया गया है। साफ पेयजल पात्रों व स्थानों में टेमीफोस डलवाया गया, रूके हुए गंदे पानी के स्थानों पर एमएलओ डाला गया। बीकानेर शहर की 117 टीमों सहित जिले में कुल 616 टीमें लगातार कार्य कर रही हैं। रविवार को आए 24 डेंगू के सहित जनवरी से अब तक कुल 445 केस डेंगू पॉजिटिव ढूंढ निकाले गए हैं।
डॉ अनिल वर्मा ने आमजन को बताया कि मच्छरों की रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका होता है एंटीलार्वल एक्टिीविटी, जिसके तहत् मच्छरों को पनपने से ही रोक दिया जाता है। इस क्रम में गंदे पानी के इकट्ठा होने पर एमएलओ/काला तेल/पाइरेथ्रम छिड़काव, साफ पानी के तालाबों पर बीटीआई, पेयजल में टेमीफोस, खाद्य तेल, घरों में पाइरेथ्रम स्प्रे तथा जल स्त्रोंतो में मच्छर का लार्वा खाने वाली गम्बूशिया मछली डलवाने का कार्य जोरों पर है। आम जन को इस मुहीम से जुड़ते हुए एंटी लार्वा गतिविधियों को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना होगा। पक्षियों के लिए रखे जाने वाले परिंडों को सप्ताह में एक बार खाली कर उन्हें बर्तन साफ करने वाले झामे से रगड़ कर, साफ कर व सुखाकर मच्छर के अण्डे एवं लार्वा नष्ट कर पुनः भरा जाये। कूलर, फ्रीज के पीछे की ट्रे, गमले, फूलदान इत्यादि के लिण् भी यही प्रक्रिया अपनानी जानी चाहिए। इसके साथ ही छत पर रखे टूटे–फूटे सामान, कबाड़–टायर इत्यादि को हटाकर पानी इक्कठा होने से रोका जाये। पानी की टंकी एवं अन्य बर्तनों को ढंक कर रखा जाये जिससे मच्छर उनमें प्रवेश कर प्रजनन न कर सकें।
स्वास्थ्य विभाग के दल में शामिल डॉ अनिल वर्मा, एपिडेमियोलोजिस्ट नीलम प्रतापसिंह, सहायक मलेरिया अधिकारी अशोक व्यास, मेल नर्स अजय भाटी, भुजिया बाजार डिस्पेंसरी के प्रभारी डॉ दिनेश बिनावरा व स्टॉफ द्वारा सघन एंटी लार्वा गतिविधियाँ करते हुए मच्छरों की फैक्ट्रियों को बंद करवाया गया। डॉ. अबरार ने आम जन को हिदायत दी कि वे किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा मच्छर मारने का इंतजार करने की बजाय इस आसान से कार्य को नियमित रूप से स्वयं करें। पशुओं की पानी की कुण्डियों में खाद्य तेल डाला गया और हर सप्ताह इसे दोहराने का संकल्प दिलाया गया।