सुरेश बोड़ा abhayindia.com प्रदेश के निकायों में महापौर और सभापति के चुनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे, इसका अंतिम निर्णय कांग्रेस के कार्यकर्ता करेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐसे संकेत मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान दिए।
मुख्यमंत्री गहलोत से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मसले पर चर्चा चल रही है तथा नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल फीडबैक भी ले रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के लिए कार्यकर्ता सुप्रीम होते हैं, इसलिए कार्यकर्ता जो कहेंगे, सरकार वही करेगी।
बताया जा रहा है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष चुनाव कराने को लेकर यूडीएच मंत्री धारीवाल की रिपोर्ट जल्द ही मुख्यमंत्री को मिल जाएगी, इसके बाद ही इस पर अंतिम फैसला होगा। आपको बता दें कि आगामी नवंबर माह में प्रदेश के 6 निगमों सहित 52 निकायों के चुनाव होने हैं।
नौ माह पहले बदला था नियम
प्रदेश की गहलोत सरकार ने नौ माह पहले सत्ता संभालने के बाद पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के अप्रत्यक्ष प्रणाली से मेयर चुनाव के नियम को बदलकर प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय किया था। अब इस पर दुबारा मंथन शुरू हो गया है। इस बीच, भाजपा ने कहा है कि निकाय चुनाव के परिणाम से पहले ही कांग्रेस ने हार स्वीकार कर ली है, इसलिए सरकार फैसला बदलना चाह रही है।