








बीकानेर abhayindia.com राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 व नियम 2003 के प्रावधानों के अनुसार सभी सहकारी समितियों को वर्ष 2018-19 की ऑडिट के लिए 31 मई तक रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, राजस्थान द्वारा गठित ऑडिटर्स के तीन पेनल, किसी चार्टर्ड एकाऊटेंट या किसी चार्टर्ड एकाऊटेंट फर्म को नियुक्त कर या सहकारी विभाग के निरीक्षकों के पेनल को विकल्प में से चुनकर इसकी सूचना जिले के रजिस्ट्रार यानि विशेष लेखा परीक्षक को उपलब्ध करवाना आवश्यक है, साथ ही प्रत्येक सोसायटी का ऑडिट 30 सितम्बर 2019 तक पूर्ण कर ऑडिट रिपोर्ट की एक प्रति आम सभा द्वारा अनुपालना सहित जिले के उप रजिस्ट्रार एवं विशेष लेखा परीक्षक को उपलब्ध करवाना आवश्यक है।
क्षेत्रीय अंकेक्षण अधिकारी राजेश टाक ने बताया कि समिति 31 मई तक ऑडिटर की नियुक्ति कर इसकी सूचना संबंधित जिले के विशेष लेखा परीक्षक को उपलब्ध नहीं करवायेगी, उस समिति की ऑडिट के लिए जिले के विशेष लेखा परीक्षक द्वारा ऑडिटर की नियुक्ति अपने स्तर से उक्त तीनों पेनल में से किसी की भी कर दी जाएगी।
टाक ने बताया कि अगर कोई समिति 30 सितम्बर 2019 तक ऑडिट पूर्ण कर नहीं करवाती है तो उसके विरूद्ध राजस्थान सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 28 के अन्तर्गत जिले के उप रजिस्ट्रार द्वारा समिति के संचालक मण्डल को भंग करने की कार्रवाई की जा सकेगी और ऐसे संचालक मण्डल के सदस्य अगले 6 वर्षों तक किसी भी सहकारी सोसायटी का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
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