बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर में अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दूसरे दिन शनिवार को डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में मिस मरवण, मिस्टर बीकाणा, मिसेज मरवण, ढोला मरवण प्रतियोगिताएं विशेष आकर्षण का केंद्र रही। हर्षिता मारू ने मिस मरवण का खिताब जीता। पारुल विजय उपविजेता रही, मिस्टर बीकाणा का खिताब श्रीकांत व्यास ने जीता। वहीं, जगमाल सिंह भाटी उपविजेता रहे।
उत्सव में इस वर्ष दो नई प्रतियोगिता मिसेज मरवान एवं ढोला-मरवण को भी शामिल किया गया। आशा आचार्य ने मिसेज मरवण का पहला खिताब जीता, वर्षा पंवार उपविजेता रही। ढोला मरवण प्रतियोगिता में सूर्य प्रकाश पुरोहित विजेता रहे। सरवण कुमार सोनी उपविजेता बने।
पारंपरिक रंग बिरंगे परिधानों में सजे प्रतिभागियों ने विभिन्न चरणों में आयोजित इस प्रतियोगिता में शिरकत की और सैलानियों को बीकानेर की समृद्ध लोक संस्कृति से रूबरू करवाया। एक ओर जहां पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे रोबीले वीर रस से ओतप्रोत गीतों के साथ कदमताल करते दिखे, वहीं नखशिख श्रृंगार के साथ युवतियों ने बढ़ चढ़ कर मिस मरवण और मिसेज मरवण प्रतियोगिता में भागीदारी निभाई। इस दौरान आइकंस ऑफ़ बीकानेर में पूर्व मिस्टर बीकाणा अशोक बोहरा भी मौजूद रहे।
रविवार को रायसर धोरों पर आयोजित होंगे विभिन्न कार्यक्रम : पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अनिल राठौड़ ने बताया कि ऊंट उत्सव के तीसरे दिन प्रातः 9 से दोपहर 1:00 बजे तक टॅग वॉर, रैसलिंग, कबड्डी कबड्डी, खो-खो, टर्बन टाइंग, वूमेन मटका रेस, ड्यून्स रेस जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन रायसर के रेतीले धोरों पर किया जाएगा। इसके पश्चात दोपहर 1:30 से 6 बजे तक कैमल कार्ट सफारी, हॉर्स रेसिंग, हॉट एयर बैलून, ड्यून्स बाशिंग, सैंड आर्ट एग्जिबिशन, हैंडीक्राफ्ट एडवेंचर गतिविधियों का आयोजन होगा। सायं 6 से 10 बजे से सेलिब्रिटी नाइट में सुल्तान (नूरा सिस्टर) एवं रेणुका पंवार द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। इस दौरान जश्नाती संप्रदाय के प्रसिद्ध अग्नि नृत्य (फायर डांस) की आकर्षक प्रस्तुति भी दी जाएंगी।
तालियों से गूंज उठा स्टेडियम : अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दौरान लोक-संस्कृति और लोकधुनों की थाप ने शनिवार की शाम को बेहद खास और खुबसूरत बना दिया। डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में देर शाम फोक नाइट सन्स ऑफ सॉयल आयोजित हुआ। राजस्थानी लोक गीत लोक धुनों से सजे इस कार्यक्रम में दर्शकों के साथ आईजी पुलिस ओमप्रकाश एवं पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने भी संगीत की धूनों का लुत्फ उठाया। इस दौरान राजस्थानी लोक कलाकारों सहित अन्य प्रदेशों के कलाकारों द्वारा भी प्रस्तुतियां दी गई।
स्थानीय कलाकार वर्षा सैनी द्वारा प्रस्तुत भवई नृत्य पर स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। बसंत आचार्य ने ट्रेडिशनल गीत केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश को नये अंदाज में प्रस्तुत किया इस पर भी दशकों ने खूब दाद दी। कलाकारों ने घूमर, एनसीजेडसीसी प्रयागराज द्वारा कालबेलिया, पंजाब के दल द्वारा भंगड़ा, फाग, हरियाणा ने घूमर सहित अन्य नृत्यों ने पर्यटकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मीडिया इन्फ़्लुएन्शर, विदेशी सैलानी इन पलों को कैमरे में कैद करते नजर आए।
ऊंट महोत्सव-2024 : रेतीले धोरों में ऊंट और घुड़ दौड़ देखने उमड़ा सैलानियों का हुजूम