बीकानेरabhayindia.com पशु शल्य चिकित्सा में विभिन्न डॉयग्नोस्टिंग इमेजिंग विषय पर पशुचिकित्सकों का पांच दिवसीय सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुक्रवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय में आयोजित गया।
सतत् पशुचिकित्सा शिक्षा के तहत मानव संसाधन विकास निदेशालय राजुवास की ओर से आयोजित ऑनलाइन पाठ्यक्रम में देश-विदेश के 127 प्रतिभागियों ने शिरकत की। इसमें नाईजीरिया, यू.ए.ई., बांग्लादेश, इथियोपिया व भूटान देशों के अलावा भारत के 22 राज्यों के पशुचिकित्सक और पैरावेट्स शामिल हुए। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने बताया कि फील्ड में कार्यरत पशुचिकित्सकों के ज्ञान व कौशल में वृद्धि के लिए पशुचिकित्सा की विभिन्न विधाओं में 4 सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
डॉयग्नोस्टिक इमेजिंग के पहले पाठ्यक्रम में राजुवास में उपलब्ध पशुचिकित्सा की आधुनिकतम तकनीक और उपकरणों की मदद से विशेषज्ञ सेवाओं का लाभ देश में ही नहीं अपितु विदेशों में बैठे पशुचिकित्सकों तक पहुंचाना हमारी उपलब्धि है। राजुवास के सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण बिश्नोई ने बताया कि प्रतिभागियों को एक्स रे, सोनोग्राफी, सी.टी. स्केन से पशुओं में रोग निदान तकनीकों की जानकारी दी गई।
विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण बिश्नोई के अलावा डॉ. साकार पालेचा और डॉ. महेन्द्र तंवर ने व्याख्यान प्रस्तुत किए। राजुवास के मानव संसाधन विकास निदेशक डॉ. ए.के. कटारिया ने बताया कि अब 3 ऑनलाइन पाठ्यक्रम के तहत छोटे व बड़ेे पशुओं में फैक्चर प्रबन्धन की विभिन्न तकनीक, वेटरोलीगल केस में हड्डियों के आधार पर पशु प्रजाति की पहचान, गायों व भैंसों में होने वाले बांझपन एवं इसके निवारण विषय पर प्रशिक्षण होंगे।
एनसीसी ने किया पौधरोपण…
ग्रीन अर्थ सेव नेचर अभियान के तहत वेटरनरी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को 1 राज.आर. एण्ड वी. एन.सी.सी. स्कवाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल पी.पी.एस. ग्रेवाल के निर्देशन में पौधरोपण किया गया। अभियान में एन.सी.सी. कैडेट विद्यार्थियों, फैकल्टी के सदस्य शामिल हुए। कैडेट और विद्यार्थियों से आह्वान किया गया कि वे अपने घरों पर भी एक-एक पौधा लगाकर उसकी सार संभाल का जिम्मा भी उठाएंगे। लेफ्टिनेंट डॉ. सुनीता चौधरी ने बताया कि वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. आर.के. सिंह, प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूडिय़ा, प्रो. ए.पी. सिंह, प्रो. अंजु चाहर, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर शिक्षा प्रो. जी.एन. पुरोहित, परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुनील मेहरचंदानी, डॉ. राजेश नेहरा सहित फैकल्टी सदस्यों ने पौधारोपण किया।