Wednesday, May 15, 2024
Hometrendingई -मित्र केन्द्रों पर अनियमितता अब पड़ेगी भारी, कलक्‍टर ने दिए ये निर्देश...

ई -मित्र केन्द्रों पर अनियमितता अब पड़ेगी भारी, कलक्‍टर ने दिए ये निर्देश…

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर abhayindia.com जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि जिले में संचालित ई-मित्र केन्द्रों द्वारा वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी शिकायतें मिलने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। गौतम ने ई-मित्र केन्द्र संचालकों से उपभोक्ताओं के साथ सहयोग पूर्ण व्यवहार करते हुए वितीय अनियमिताएं रोकने के निर्देश जारी किए हैं।

जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बताया कि जिले के विभिन्न विभागों की लगभग 485 सेवाएं ई-मित्र केन्द्रों के माध्यम से दी जा रही है। कुछ ई-मित्र संचालकों द्वारा अधिक शुल्क लेनेनिःशुल्क सेवा देने के प्रावधान के बावजूद शुल्क लेने व ई-मित्र पर उपलब्ध सेवा देने से इंकार करने जैसी वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं। गौतम ने कहा कि ऐसी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही की जाएगी। उपभोक्ता ई मित्र केन्द्र से सेवाएं लेते हुए इस बात का ध्यान रखें कि संचालक अनियमितता तो नहीं कर रहे हैं। यदि कोई संचालक अधिक शुल्क लेता है तो उपभोक्ता इसकी शिकायत विभाग में करें। उपभोक्ता ई मित्र पर उपलब्ध सेवाओं के उपयोग के दौरान अपना मोबाइल नम्बर आवश्यक रूप से दें ताकि सेवा के सम्बंध में उपभोक्ता को एसएमएस प्राप्त हो सके।

गौतम ने कहा कि उपभोक्ता कम्प्यूटर जनित रसीद लेना न भूलें तथा बिजली पानी सहित सभी बिलों को जमा करवाने पर आवश्यक रूप से रसीद लें। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता कम्प्यूटर जनित रसीद का सत्यापन ई मित्र पोर्टल पर ट्रैक ट्रांजेक्शन में आईडी या रसीद नम्बर डालकर सत्यापन कर सकते हैं। सभी ई मित्र केन्द्र शुल्क तालिका चस्पा करें और उपभोक्ता रसीद पर लिखे शुल्क को ई मित्र केन्द्र पर लगी शुल्क से मिलान कर लें। ई मित्र केन्द्र पर शुल्क तालिका लगी नहीं होने या अधिक शुल्क लिए जाने पर उपभोक्ता इस सम्बंध में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के जिला या ब्‍लॉक कार्यालय पर सूचना दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता जागरूक हो कर इन अनियमितताओं को रोकने में अपनी अहम जिम्मेदारी निभा सकते हैं।

उपखंड अधिकारी भी करें जांच

जिला कलक्टर ने कहा कि उपखंड अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में ई-मित्र केन्द्रों का औचक निरीक्षण करें और उनकी जांच कर देखें कि कहीं वितीय अनियमितताएं तो नहीं हो रही है। ऐसा होने पर सम्बंधित के विरूद्ध कार्यवाही करें। 

मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में अब 10 करोड़ रुपए तक का ऋण

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular