Wednesday, April 24, 2024
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बिल के विरोध में रैली, दिल्ली में जुटेंगे एक लाख चिकित्सक

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बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बीकानेर जिले की समस्त शाखाओं अखिल राजस्थान राज्य सेवारत चिकित्सक संघ, आरएमसीटीए, आरडीए., मेडिकल छात्र संगठन से सम्बद्ध चिकित्सकों ने एनएमसी बिल के विरोध में वाहन रैली निकाली। रैली को प्रदेशाध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र चौधरी व उद्यमी द्वारका प्रसाद पचीसिया ने हरी झंडी दिखा रवाना किया।

रैली के अंत में जनसंवाद कार्यक्रम रखा गया। इसमें डॉ. एस. एन. हर्ष ने बताया कि आज का यह विरोध प्रदर्शन देश भर की सभी 1750 शाखाओं द्वारा आयोजित किया जा रहा है। एनएमसी बिल के विरोध में पूरे 1 माह का कार्यक्रम आईएमए यात्रा के नाम से आयोजित किया जा रहा है। आगामी 25 मार्च को दिल्ली में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इसमें एक लाख से अधिक चिकित्सक भाग लेंगे। डॉ. अबरार पंवार ने एनएमसी बिल को न केवल चिकित्सक, बल्कि जनविरोधी भी बताया और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। डॉ. राहुल हर्ष ने बताया कि एनएमसी बिल के तहत एमसीआई को भंग कर नया नेशनल मेडिकल कमीशन के गठन का प्रावधान किया गया है। नए कमीशन में राज्यों और चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व घटाया गया है। इसमें चयन के बजाय मनोनयन के जरिये सदस्य बनाने का प्रावधान किया गया है। अन्य आयुष पद्धतियों से बने चिकित्सकों को 6 माह के ब्रिज कोर्स द्वारा एमबीबीएस योग्यता के बराबर प्रेक्टिस करने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है। इसके बाद सभी गैर एमबीबीएस आयुष स्नातक भी मेडिकल पीजी में प्रवेश पा सकेंगे। इसके अतिरिक्त देश मे मेडिकल डिग्री प्राप्त करने वालों के लिए एग्जिट एग्जाम का प्रावधान किया गया है, जिसके बगैर देश में एमबीबीएस डिग्री प्राप्त करने वाले इसको पास किये बिना न प्रेक्टिस कर पाएंगे न ही पीजी में प्रवेश ले पाएंगे। यह प्रावधान विदेशों से डिग्री लेने वालों के लिए जरूरी नही होगा। इसके अतिरिक्त इस बिल में मेडिकल कॉलेज में मैनेजमेंट कोटा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है, इससे चिकित्सा शिक्षा का स्तर भी गिरेगा और आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएगी।

प्रदेशाध्यक्ष डॉ.महेश शर्मा ने सभी चिकित्सकों से एकजुट होने की अपील की और सभी से आईएमए का सदस्य बनने का आह्वान किया और इस बिल को काला कानून बताते हुए हर कीमत पर इसका विरोध करने का आह्वान किया। साथ ही बताया कि आईएमए के 2 जनवरी को आयोजित उपवास कार्यक्रम के कारण सरकार ने बिल को लोकसभा में सीधे पेश करने के स्थान पर स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया है, लेकिन स्टैंडिंग कमेटी इसको शीघ्र ही पुन: सरकार को सौंप देगी और हमे इसके विवादास्पद प्रावधानों का विरोध जारी रखना है। सभा को इसके साथ डॉ. मंजुलता शर्मा, डॉ. देवेंद्र चौधरी, डॉ. अभिषेक बिन्नानी, डॉ. सी. एस. मोदी, डॉ. नवल गुप्ता, डॉ. अनिल लाम्बा, डॉ. जहांगीर, डॉ. बसंती हर्ष, आरएनआरएसयू की बीकानेर यूनिट के वीरेंद्र जोशी ने भी संबोधित किया।

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