जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक उथल पुथल का दौर शुरू हो गया है। आज कांग्रेस के दिग्गज नेता सुभाष महरिया सहित कई नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। आपको बता दें कि महरिया को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ही कांग्रेस में लेकर आए थे। महरिया ने अब पार्टी के प्रति नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए।
महरिया के साथ रिटायर्ड आईपीएस रामदेव खैरवा और राजस्थान यूनिवर्सिटी के एनएसयूआई से पूर्व छात्र संघ महासचिव रहे नरसी किराड़ भी शुक्रवार को बीजेपी की सदस्यता ली है। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सुबह करीब 11.30 बजे चारों को सदस्यता ग्रहण करवाई गई। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड, जॉइनिंग कमेटी सदस्य विधायक वासुदेव देवनानी और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की मौजूदगी में ये नेता पार्टी में शामिल हुए। आपको बता दें कि इससे पहले घनश्याम तिवाड़ी, राजकुमार रिणवां, जयदीप डूडी, पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे, पूर्व विधायक जगत सिंह, किशनाराम नाई की बीजेपी में घर वापसी हो चुकी है। घनश्याम तिवाड़ी तो राज्यसभा सांसद भी बन चुके हैं। वहीं, वसुंधरा राजे खेमे के पूर्व मंत्री रहे देवी सिंह भाटी, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र गोयल और पूर्व विधायक विजय बंसल समेत कई चेहरे अब भी भाजपा में शामिल होने की राह देख रहे हैं।
कांग्रेस को लगा झटका : आपको बता दें कि सुभाष महरिया ने निर्दलीय और कांग्रेस से भी सांसद का चुनाव लड़ा था। सचिन पायलट ने महरिया को कांग्रेस जॉइन कराई थी। पायलट को कांग्रेस में सचिन पायलट लेकर आए थे। पार्टी में खुद सचिन पायलट की नहीं चल रही, इसलिए अपना राजनीतिक भविष्य देखते हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले महरिया ने बीजेपी का दामन थामना ही उचित समझा। सुभाष महरिया ने 1999 में सीकर से कांग्रेस के दिग्गज नेता बलराम जाखड़ को चुनाव हराया था। महरिया को कांग्रेस में लाने में अहम भूमिका सचिन पायलट की रही थी। वर्ष2014 के लोकसभा चुनाव में सीकर में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के प्रमुख नेता रहे सुभाष महरिया ने बीजेपी से टिकट कटने पर बागी के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया था। उन्होंने अपना टिकट कटने पर नाराजगी जताते हुए पार्टी आलाकमान के विरोध में यह कदम उठाया था।