बीकानेर abhayindia.com पशु पालन विभाग में अंधेरगर्दी क आलम छाया है। विभागीय उदासीनता के चलते पशु गणना होने के बाद भी अभी कार्मिकों को मानदेय नहीं मिला है। बताया जा रह है कि सरकार ने दो माह पूर्व ही बजट पारित कर दिया लेकिन विभागीय उदासीनता का खमियाजा पशु गणना में लगे कार्मिकों (पशुधन सहायकोंं) को भुगतना पड़ रहा है। विभाग की ओर से अभी भी भुगतान को लेकर टालमटोल किया जा रहा है।
संगठन ने उठाई आवाज
पशु गणना का भुगतान और नवनियुक्ति पशुधन सहायकों के छह माह से अटके वेतन का भुगतान कराने की मांग को लेकर आज अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत सम्बंधए संघटक(अराजपत्रित पशुपालन विभागीय समिति) ने संयुक्त निदेशक के समक्ष अपना रोष जताया है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश आचार्य ने रोष जताते हुए कहा है कि विभाग कुंभकरणी नींद ले रहा है। इस कारण कार्मिकों को समस्याएं झेलनी पड़ रही है।
जिम्मेवार जता रहे अनभिज्ञता…
प्रदेशाध्यक्ष आचार्य का आरोप है कि वर्ष 2018-19 में पशुधन सहायकों ने पशु गणना का कार्य किया, लेकिन उनके मानदेय का भुगतान अन्य जिलों में हो गया, मगर बीकानेर में दो माह से पैसा आया हुआ है, इसके बाद भी अतिरिक्त निदेशक सरीखे जिम्मेवार अधिकारी भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं और टालमटोल कर रहे हैं। इसी तरह छह माह पूर्व जिले में करीब 55 पशुधन सहायकों की नियुक्ति हुई थी, मगर वे भी अभी तक अपने वेतन को तरस रहे हैं।
यह भी उठाई मांगे
संगठन की ओर से पशुपालन विभाग के निदेशक के नाम संयुक्त निदेशक को सौंपे गए ज्ञापन के जरिए बताया गया है कि विभाग में स्वीकृत पशुधन परिचर, सफाईकर्ता, जलधारी, गडरिया व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद काफी समय से रिक्त पड़े है। उनको जल्द ही भरा जाए, साथ ही हार्ड ड्यूटी भत्ता स्वीकृत कर भुगतान कराया जाए, हर वर्ष कार्मिकों की वरिष्ठता सूची प्रकाशित की जाए, विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कार्मिक है, उनमें जो सैकंडरी परीक्षा पास है उन्हें सरकारी नियमानुसार कनिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नति दी जाए।