Saturday, April 20, 2024
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खुफिया तंत्र की रिपोर्ट से उड़ी नींद, फील्ड में उतरेंगे नेताजी

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जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश के खुफिया तंत्र और एक निजी एजेंसी से मिली रिपोर्ट से प्रदेश सरकार की नींद उड़ सी गई है। रिपोर्ट में यह तो माना गया है कि वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री के तौर पर प्रदेश में अब भी लोकप्रिय हैं, लेकिन भाजपा के कार्यकर्ता ही विधायकों और मंत्रियों से नाराज है। ऐसे में आने वाले चुनावों में पार्टी को मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ सकता है।

उक्त रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी सतर्क हो गई है। पार्टी के मंत्री और विधायक भी अपने-अपने क्षेत्रों में फिल्डिंग शुरू कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को जयपुर स्थित शासन सचिवालय में कम और फील्ड में अधिक रहने की हिदायत दी है। इसके अलावा नेताओं का एक समूह बनाया गया है। इसमें जिले के जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर ही मंत्रियों और नेताओं की तैनातगी की गई है। मंत्रियों और नेताओं को मई के दूसरे सप्ताह से ही अपने प्रभार वाले जिलों में जाना होगा और प्रत्येक 10 दिन में मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट लिखित में पेश करनी होगी। मंत्रियों और नेताओं को पार्टी के नाराज कार्यकर्ताओं को खुश करने का काम भी करना होगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इसे देखकर लगता है कि चुनाव तक भाजपा को काफी मेहनत करनी होगी, आपसी मतभेद खत्म करने होंगे।

उधर, मुख्यमंत्री पिछले दो दिनों से अपने विश्वस्तों के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे विवाद को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री अब भी केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को प्रदेश अघ्यक्ष के रूप में स्वीकारने को तैयार नहीं है। वे अपनी ही पसंद के किसी नेता को अध्यक्ष बनवाना चाहती है। पार्टी सूत्रों की मानें तो केन्द्रीय नेतृत्व ने भी फिलहाल इस मामले को लंबित रख दिया है। बताया जाता है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद ही मोदी-शाह की जोड़ी इस मसले पर कोई निर्णय लेंगे। मुख्यमंत्री भी अपनी पसंद के व्यक्ति को अध्यक्ष बनवाने को लेकर संभवत: कर्नाटक चुनाव के बाद ही फिर से दिल्ली में लॉबिंग प्रारंभ करेंगी।

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