Saturday, April 20, 2024
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अभी और बदलेंगे गांवों के ‘मुस्लिम नाम’, सियासी पारा चढ़ा

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जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश में गांवों के मुस्लिम नाम बदलकर हिन्दू नामों के आधार पर रखने के मामले से सियासी पारा गर्माने लगा है। कांग्रेस जहां इसे वोट बटोरने के लिए राजे सरकार का चुनावी हथकंडा बता रही है, वहीं सरकार का तर्क है कि तय प्रक्रिया के तहत ही पंचायतों की सिफारिश और केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद ही नाम बदले गए हैं। बहरहाल, कुछ और गांवों के नाम बदले जाने संबंधी अधिसूचनाएं जल्द जारी हो सकती है।

राजस्व राज्यमंत्री अमराराम के हवाले से आई सूचना के मुताबिक सरकार ने अधिसूचना जारी कर बाड़मेर जिले के ‘मियों का बाड़ाÓ का नाम महेश नगर, झुंझुनूं के इस्माइलपुर का नाम पिचानवा खुर्द एवं अजमेर के सलेमाबाद का नाम श्रीनिंबार्क तीर्थ कर दिया गया है। इसके अलावा चित्तौडग़ढ़ के मोहम्मदपुरा का नाम मेडी का खेड़ा, नवाबपुरा का नाम नई सरथल, रामपुर आजमपुर का नाम सीतारामजी खेड़ा तथा मंडफिया गांव का नाम सांवलियाजी करने के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी होने वाली है।

राजस्व राज्यमंत्री के अनुसार पंचायतों से आए प्रस्तावों के तहत राजस्थान सरकार ने केंद्र से 27 गांवों के नाम बदलने की मांग की थी। इनमें से 8 के लिए अनुमति मिल गई है, जिनमें से कुछ की अधिसूचना जारी की गई हैं।

बताया गया है कि पंचायतों ने अपनी-अपनी स्थानीय समस्याएं दूर करने के लिए नाम बदलने की गुहार लगाई थी। इनमें से कुछ की शिकायत थी कि गांव का मुस्लिम नाम होने के कारण शादियों में दिक्कतें आ रही हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले हिंदू मतों को लुभाना भाजपा सरकारों की पुरानी आदत रही है।

इधर, भाजपा ने कहा है कि ये गांव हिंदू बाहुल्य हैं। यदि पंचायतों के फैसले गलत होते तो विवाद पंचायत स्तर से ही उठ जाता। गांव का नाम बदलने के लिए पंचायत सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर राजस्व विभाग को भेजती है और इसके बाद ही सरकार कोई फैसला करती है।

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