Thursday, March 28, 2024
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बीकानेर में मुशायरा : शीन काफ निजाम का कलाम- “वो कहां चश्मे तर में रहते हैं, ख्वाब खुशबू के घर में रहते हैं…

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बीकानेर Abhayindia.com “वो कहां चश्मे तर में रहते हैं, ख्वाब खुशबू के घर में रहते हैं। अक्स है उनके आसमानों पर, चांद तारे तो घर में रहते हैं।” मशहूर शायर शीन काफ निजाम ने सोमवार को रविंद्र रंगमंच पर आजादी की 75 वीं सालगिरह के अवसर पर आयोजित कुल हिंद मुशायरे की अध्यक्षता करते हुए यह कलाम पेश किया।

ख्यातनाम शायर डॉ नवाज देवबंदी ने “जूते सीधे कर दिए थे एक दिन उस्ताद के /उसका बदला यह मिला कि तकदीर सीधी हो गई।”

इक़बाल अशहर ने “ना जाने कितने चरागों को मिल गई शोहरत, एक आफताब के बेवक्त डूब जाने से।”

मुशायरे का संचालन करते हुए अमरावती के अबरार काशिफ ने “मौजे तूफ़ां तेरी उम्मीद नहीं तोडूंगा, मैं किनारों की तरफ नाव नहीं मोडूंगा।”

मदन मोहन दानिश ग्वालियरी ने “कितने सीधे सवाल थे मेरे, वो उलझता गया जवाबों में।”

जयपुर के युवा शायर इब्राहिम जिशान ने “इस बड़े शहर में बस एक सौदागर है अब मैं सामान खरीदूँ या तराज़ू देखूं।” बेहतरीन कलाम सुना कर इन शायरों ने मुशायरे को बुलंदियों पर पहुंचाया।

इससे पहले मुशायरे की शुरुआत के वक्त शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने शायरों को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया।
आजादी की 75वीं सालगिरह के मौके पर कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग तथा राजस्थान उर्दू अकादमी की ओर से यह मुशायरा आयोजित किया गया।

राजस्थान उर्दू अकादमी के सचिव मोअज्जम अली ने बताया कि मुशायरे में जयपुर के डॉ. नवाज देवबंदी, मलका नसीम, मुंबई के शकील आजमी, अजीज नबील, ऐटा के अज्म शाकरी, दिल्ली के इकबाल अशहर, सालिम सलीम, भोपाल के डॉ. नुसरत मेहदी, दिल्ली के आदिल रशीद, बरेली के शारीक कैफी, ग्वालियर के मदन मोहन दानिश, अहमदनगर के कमर सुरूर, सीकर के फारुक इंजीनियर, जालंधर के रेनू नय्यर, गाजियाबाद के शारिक अजीज, दिल्ली के शहबाज खान और बीकानेर के माहिर बीकानेरी, जाकिर अदीब, इरशाद अजीज और असद अली असद, मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफी, डॉ जियाउल हसन क़ादरी, वली मोहम्मद गौरी, बुनियाद हुसैन ज़हीन, सागर सिद्दीकी अमित गोस्वामी, अब्दुल मन्नान मजहर चुरुवी ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।

कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि डॉ बी डी कल्ला ने बीकानेर के उर्दू शायर माहिर बीकानेरी की किताब सातवें आसमान का मंजर का विमोचन किया और समाज सेवा और उर्दू क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर कर्मचारी नेता अब्दुल वाहिद और मोहम्मद मूसा का शाल ओढ़ाकर और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

मुशायरे में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त एएच गौरी, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के, इक़बाल समेजा, अब्दुल मजीद खोखर, यूआईटी के पूर्व चेयरमैन हाज़ी मक़सूद अहमद, हाज़ी मोहम्मद सलीम सोढा, पार्षद रमज़ान कच्छावा, ताहिर हसन क़ादरी, नंदलाल जावा, मुजीब ख़िलजी, प्रफुल्ल हाटीला, असलम खटीक, यूनुस अली, सुरेंद्र डोटासरा, ज़ाकिर नागौरी, अकरम नागौरी, साजिद सुलेमानी, मुफ़्ती ज़मील अहमद, सय्यद अख़्तर अली, नवाब खान, माशूक़ अली, अत्ता हुसैन, अमजद अब्बासी, महबूब रंगरेज, संज़य पुरोहित, गीतकार अली गनी ने शिरकत की।

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