बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर के पूर्व विधायक एवं लोकनायक मुरलीधर व्यास की पुण्य तिथि पर मंगलवार को सुबह सुथारों की बड़ी गुवाड़ स्थित प्रतिमा पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया। इस अवसर पर समाजवादी नेता नारायण दास रंगा, सुरभि साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष गोविन्द जोशी, समाजसेवी पं. अर्जुनराम जोशी, सामाजिक कार्यकर्त्ता चौरूलाल सुथार, पन्नालाल मारू, श्रीमोहन आचार्य, अशोक जोशी, ओमप्रकाश सुथार, लोकेश बोहरा आदि ने लोकनायक व्यास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि लोकनायक मुरलीधर व्यास विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे जिन्होंने जमाना बदल दिया। उन्होंने राजस्थान में स्वस्थ विरोध की राजनीति को सशक्त दिशा प्रदान की थी। शोषण–विहीन समाज के निर्माण के लिए, अन्याय और अत्याचारों के विरोध के लिए वे सदैव जूझते रहे थे। वे जुझारू थे, जो अपने सिद्धांतों और मान्यताओं पर अडिग रहते हुए टूट गए, मगर झुके नहीं। वे बीकानेर से अपने हृदय की गहराइयों से जुड़े थे तभी उन्होंने बीकानेर में पुष्करणा स्कूल और जैन स्कूल में अध्यापन कार्य भी किया था। 30 मई, 1971 को व्यासजी के स्वर्गवास से प्रत्येक वर्ग ने एक नेक दिल इन्सान, एक सच्चा रहनुमा खो दिया। उनके प्रति अपने हृदयों में असीम श्रद्धा का परिचय जनता ने दिया– बीकानेर के इतिहास में प्रथम बार किसी राजनेता की दो–दो मूर्तियों की स्थापना करके। स्व. मुरलीधर व्यास की प्रथम मूर्ति सुथारों की बड़ी गुवाड़ में 23 जनवरी, 1972 को प्रतिष्ठित की गई जिसका अनावरण संसद सदस्य डॉ. करणीसिंह ने किया। दूसरी आदम कद सप्त धातु की मूर्ति 27 अक्टूबर, 1974 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण के करकमलों से उद्घाटित हुई– बीकानेर रेलवे स्टेशन के सामने गोल बाग में।