नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में केन्द्र सरकार की अग्नि परीक्षा होगी। सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। इस बीच कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा, जिसे लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मंजूरी दे दी। लोकसभा में मोदी सरकार के लिए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को पहली अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुक्रवार को होगी।
अविश्वास प्रस्ताव पर पूछे गए सवाल पर सोनिया गांधी ने कहा कि कौन कहता है हमारे पास नंबर नहीं हैं? मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में अहम मुद्दों पर सार्थक बहस होना जरूरी है। हम हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। 22 दिन चलने वाले इस सत्र में सरकार का इरादा 18 विधेयक पेश करने का है। संसद में मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में कहा कि जिस सरकार के राज में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, जिनके शासन में महिलाओं के साथ हर रोज दुष्कर्म किया जा रहा है। हम आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मानसून सत्र की शुरुआत में सांसदों को खुशखबरी देते हुए बताया कि सदन में वाई-फाई की सुविधा शुरू कर दी गई है। सभी सदस्य रजिस्ट्रेशन के बाद इसका लाभ उठा सकेंगे। हालांकि सरकार का यह गिफ्ट विपक्षी सांसदों का दिल नहीं जीत सका और मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत सदस्यों किसान नेता राम शकल, लेखक और स्तंभकार राकेश सिन्हा, मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा और क्लासिकल डांसर सोनल मानसिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।
संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देखिए, देश के कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन पर बहस होनी बेहद जरूरी है। इन पर जितनी चर्चा होगी उतना ही देश को फायदा होगा। मैं आशा करता हूं कि सभी राजनीतिक दल सदन के समय का सर्वाधिक उपयोग देश के महत्वपूर्ण कामों को आगे बढ़ाने में करेंगे। सत्र के दौरान कोई भी सदस्य, पार्टी किसी भी मुद्दे को बहस के लिए उठा सकती है। इस दौरान पीएम मोदी ने देश के कई राज्यों में बाढ़ के हालात पर भी चिंता व्यक्त की।