Thursday, April 25, 2024
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बीकानेर में देशभर से आए यूरोलॉजिस्ट को ऑपरेशन-लेजर की नई तकनीक के साथ ‘रोबोटिक सर्जरी’ से कराया अवगत

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बीकानेर Abhayindia.com यूरोलॉजी में इस बीमारी के निदान के लिए रोबोटिक सर्जरी की सुविधा के साथ ही उच्चस्तरीय तकनीक आधारित उपचार उपलब्ध है। बीकानेर के होटल द पार्क पैरेडाइज में देशविदेश से आए यूरोलॉजी रेजीडेंट के ज्ञानवर्धन के लिए अलगअलग सेशन आयोजित किए गए। मौका था बत्तीसवीं नॉर्थ जोन यूरोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया (यूसीकोन) की ओर से तीन दिवसीय कांफ्रेंस का, जिसमें हिन्दुस्तान के आठ राज्यों के लगभग 500 से अधिक यूरोलॉजीस्ट भी भाग ले रहे हैं।

आयोजन सचिव डॉ. जे. पी. स्वामी ने बताया कि आज यूरो मीट प्रोग्राम में अलगअलग हॉल में साइंटिफिक सेशन्स रन हुए। इस दौरान युवा चिकित्सकों और फेकल्टी को ऑपरेशन की न्यू तकनीकों के बारे में अवगत कराया तथा हेंड्स ऑन प्रेक्टिस भी करवाई।

इस अवसर पर देशभर के यूरोलॉजिस्ट ने रिसर्च को साझा भी किया। साथ ही पी.जी. स्टूडेंट्स के लिए क्विज का आयोजन भी किया गया। उन्होंने बताया कि सेशंस में युवा चिकित्सकों को रोबोटिक सर्जरी तकनीक से की जाने वाली सर्जरी के बारे में बताया कि इसमें जोखिम का खतरा निहायत कम हो जाता है। रोगी को अस्पताल से जल्दी छुट्टी दे दी जाती है।

उन्‍होंने बताया कि कि यूरोलॉजी में मूत्र संबंधी रोगों, मूत्राशय, गुर्दे, प्रोस्टेट, लिंग और अंडकोष को प्रभावित करने वाले यूरोलॉजिकल कैंसर के निदान की अत्याधुनिक तकनीक की सभी मेडिकल सुविधाएं आ गईं है। युवा चिकित्सकों को यह भी बताया गया कि पीडि़त रोगियों की नई तकनीकियों के तहत रोबोट की सहायता से भी सर्जरी की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है तो उससे कैसे इलाज हो इस बारे में जानकारी दी गई। यूरोलॉजिकल से संबंधित कैंसर के निराकरण के लिए अत्याधुनिक और उत्कृष्ट तकनीक आधारित विश्वस्तरीय सभी मेडिकल सुविधाएं देश में उपलब्ध है।

यूरोलॉजी लेजर तकनीक के बारे में भी दी जानकारी

आयोजन सचिव डॉ. जे. पी. स्वामी ने बताया कि यूरोलॉजी में मरीजों को उच्च गुणवत्ता से इलाज करने के लिए सभी नवीनतम मशीनें आज लगभग सब जगह उपलब्ध हैं। युवा चिकित्सकों को बताया गया कि यूरोलॉजी से संबंधित सर्जरी में लेजर का उपयोग एंडोस्कोपिक उपकरणों के माध्यम से किया जाता है। इस विधि में शरीर के प्राकृतिक छिद्रोंजैसे पेशाब की नली व यूरेटर (एक नली, जो किडनी को पेशाब की थैली या यूरीनरी ब्लैडर से जोड़ती है) के जरिये प्रवेश किया जाता है। इसलिए सामान्यत: किसी चीरे की आवश्यकता नहीं पड़ती। डॉ. स्वामी के अनुसार यूरोलॉजी कैंसर, किडनी कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर के साथसाथ नई दवाईयां आयी है उसके बारे में भी जानकारी साझा की गई।

पेशेंट फ्रेंडली बनाने के लिए टिप्स भी दिए

डॉ. स्वामी ने यह भी बताया कि पेशेंट फ्रेंडली कैसे बनें यह भी जानकारी साझा की गई। सर्जिकल व मेडिसिंस की जानकारियों के अलावा डॉक्टर के केरेक्टर को रोगी के अनुरुप ढालने के कुछ मेंटली फिट करने के लिए टिप्स भी दिए गए। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर मेडिकल के अलावा नई दवाइयां, रोबोटिक्स मशीनें, लेजर मशीनें, इंस्ट्रूमेंट्स का प्रदर्शन भी विभिन्न फार्मा कंपनी की ओर से स्टॉल्स के माध्यम से किया गया। इन स्टॉल्स को चिकित्सकों ने देखा और सराहा भी। यहां लगी स्टॉल्स में हिन्दुस्तान की बड़ीबड़ी लेजर कम्पनियां शामिल है जिन्होंने स्टॉल लगायी है। इस अवसर पर शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें यूरोलॉजी संस्थान के पुराने प्रेसीडेंट्स का सम्मानअभिनंदन व विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण किया गया।

ये भी आए हैं कांफ्रेंस में

इंटरनेशनलनेशनल फेकल्टी भी यहां आए हैं। जिनमें एम्स के डॉ. अमलेश सेठ, सफदरजंग से डॉ. अनूप कुमार, यूएसआई के प्रेसीडेंट डॉ. रवींद्र सबनीश, सचिव डॉ. केशोमूर्ति, डॉ. कमलजीत सिंह, डॉ. शिवम प्रियदर्शी, डॉ. नचिकेत व्यास सहित अनेक देश के जानेमाने यूरोलॉजी से सम्बन्धित चिकित्सक कांफ्रेंस में आए हैं।

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