Monday, December 23, 2024
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…नहीं तो सूरसागर ले डूबेगा अफसरों की साख!

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बीकानेर में सूरसागर तालाब की टूटी दीवार। फोटो : संजय बोड़ा
बीकानेर में सूरसागर तालाब की टूटी दीवार। फोटो : संजय बोड़ा

सुरेश बोड़ा/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। बरसाती पानी के साथ गंदगी के सैलाब से भरा सूरसागर तालाब अपनी अनदेखी और बर्दाश्त नहीं करेगा। यदि समय रहते इसका बिगड़ा हुआ स्वरूप फिर से नहीं संवरा, तो यह अफसरों की साख को ले डूबेगा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जिले के अफसरों को सूरसागर का वैभव लौटाने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया है। तय समय में काम पूरा करने को लेकर अफसरों के माथे पर भी चिंता की लकीरें साफ झलक रही है। उन्हें पता है कि यदि इस काम में कोताही बरती गई तो इसके परिणाम भी निश्चित तौर पर भुगतने पड़ सकते हैं। बता दें कि तालाब से जुड़े कार्यों पर सीएमओ की टीम पूरी नजर बनाए हुए हैं।

Bikaner सूरसागर तालाब फोटो : संजय बोड़ा
Bikaner सूरसागर तालाब
फोटो : संजय बोड़ा

जानकारों की मानें तो तालाब के विकास कार्यों से जुड़ें टेंडर की प्रक्रिया को देखते हुए इस अवधि में तालाब से पानी निकालना, टूटी हुई दीवारें दुरुस्त कराने सहित दर्जनों काम कराने मुश्किल होंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह विभागों के आपसी तालमेल में सामंजस्य का अभाव होना है। तालाब का सौंदर्यकरण अकेले नगर विकास न्यास के बूते नहीं हो सकता। इसमें नगर निगम, सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित अन्य महकमों को भी जोडऩा पड़ेगा। तब जाकर सीएम के दिए टार्गेट में इसका वैभव फिर से लौट पाएगा।

बीकानेर में सूरसागर तालाब से गंदा पानी निकालने के कार्य का जायजा लेते नगर विकास न्यास अध्यक्ष्उा महावीर रांका।
बीकानेर में सूरसागर तालाब से गंदा पानी निकालने के कार्य का जायजा लेते नगर विकास न्यास अध्यक्ष्उा महावीर रांका।

फिलहाल नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका की सक्रियता से सूरसागर तालाब से गंदा पानी निकालने के काम में काफी तेजी आई है। पानी निकलने के बाद सबसे बड़ी चुनौती तालाब के तल में जमे दल-दल को निकालने की रहेगी। इसके लिए तालाब तक ट्रेक्टर, मशीनें आदि उतारने के लिए जूनागढ़ सड़क से रैम्प बनाना पड़ेगा। दल-दल निकालने के बाद तालाब की क्षतिग्रस्त दीवार नए सिरे से बनाई जाएगी। दीवार के बाद तालाब परिसर में अन्य टूट-फूट को दुरुस्त करने में भी कम दिन नहीं लगेंगे। ऐसे में देखा जाए तो तय टार्गेट में काम को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन को सबंधित विभागों में सामंजस्य बैठाना पड़ेगा।

तालाब के सौंदर्य से जुड़े कार्यों के टेंडर को लेकर तय मानदंड की पेचीदगियां भी काम में रोड़े अटकाने का काम करती नजर आ रही है। लिहाजा प्रशासन को इसमें भी दखल देना पड़ेगा। तब जाकर सूरसागर तालाब का सौंदर्य तय दिनों में निखर सकेगा।

आपसी सामंजस्य जरूरी : उपमहापौर

उपमहापौर अशोक आचार्य ने कहा है कि सूरसागर तालाब की सफाई का काम गति पकड़ रहा है। इस काम को तय समय में पूरा करने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों में आपसी सामंजस्य की आवश्यकता जरूर महसूस हो रही है। सभी मिलकर इस तालाब के विकास में भागीदारी निभाएंगे तो हम 15 दिनों में लक्ष्य पूरा कर सकेंगे।

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