Saturday, April 20, 2024
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हारी बाजी को जीतना जिसे आता है…ऐनवक्त पर इनके हाथ आती है टिकट…

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सुरेश बोड़ा/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। गौशाला सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर पिछले वर्षों में आंदोलन चलाकर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता गोपाल गहलोत इन दिनों खबरों से दूर है। खासतौर से चुनावी खबरों से। बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार चुनाव लडऩे की उनकी दावेदारी मजबूत है, इससे सब वाकिफ है। यह भी सब जानते है कि चुनावी टिकट लाने के मामले में उनका ‘फार्मूला’ नायाब ही है।

आपको बता दें कि भाजपा के कद्दावर नेता देवीसिंह भाटी से दूरियों के जमाने में गहलोत का भाजपा के टिकट पर कोलायत में ताल ठोकना सबको चौंकाने वाला राजनीतिक घटनाक्रम था। तब भाटी सामाजिक न्याय मंच के बैनर से चुनाव लड़े थे। गहलोत को हालांकि इस चुनाव में हार मिली, लेकिन अनुभव की जो जीत मिली वो उनके आगे के कॅरियर में काम आ गई। बीकाानेर नगर निगम के महापौर के उस चुनाव को कोई नहीं भुला पाएगा, जिसमें सामान्य वर्ग की सीट के बावजूद वे ऐनवक्त पर भाजपा का टिकट ले आए थे। इस चुनाव में कांग्रेस से प्रत्याशी भवानी शंकर शर्मा (भवानी भाई) महापौर निर्वाचित हुए, लेकिन गहलोत ने अपनी राजनीतिक जीवंतता की छाप तो छोड़ ही दी।

गहलोत ने 2013 के चुनाव में भाजपा से बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से टिकट मांगी थी, लेकिन जब बात नहीं बनी तो वे एक बार फिर ऐनवक्त पर कांग्रेस से टिकट ले आए। यह राजनीतिक घटनाक्रम टिकटों की जबर्दस्त खींचातानी के बीच ही हुआ था। इस चुनाव में भी हालांकि हार ने इनका दामन नहीं छोडा। बहरहाल, अपनी राजनीतिक सक्रियता के बूते वे एक बार फिर इसी सीट से ताल ठोक रहे हैं।

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