Friday, March 29, 2024
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प्रदेश में इंजीनियरिंग शिक्षा सबसे बुरे दौर में, 25 हजार सीटें खाली

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जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश में इंजीनियरिंग शिक्षा अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। इस बार प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में उपलब्ध 39 हजार से ज्यादा सीटों में से अभी तक केवल 14 हजार पर ही प्रवेश हो पाए हैं, जबकि करीब 25 हजार सीटें खाली पड़ी हैं। बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2000 से 2008 के दरम्यान बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग कॉलेज खुले थे। इसके चलते सीटों की संख्या 65 हजार तक पहुंच गई। इसके बाद पिछले पांच वर्षों में इंजीनियरिंग कॉलेजों का बुरा वक्त चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार सरकारी और निजी के 107 कॉलेजों में सीटों की संख्या गिरकर 39 हजार 127 रह गई। प्रवेश की स्थिति यह है कि करीब 25 कॉलेज अपने यहां शून्य सत्र घोषित करने की स्थिति में आ गए हैं। इस वर्ष कई बार की काउंसलिंग के बाद भी 12 हजार सीटें ही भर पाई थीं। बाद में सरकार ने सीधे प्रवेश की अनुमति दी और मैनेजमेंट कोटे की सीटों पर प्रवेश हुए तब जाकर करीब 14 हजार प्रवेश हो पाए। इस बार 13 सरकारी कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटें ही भर पाई हैं। इन कॉलेजों में 5996 सीटें हैं, लेकिन काउंसलिंग से सिर्फ 2569 सीटें ही भर पाई। बाद में इन कॉलेजों को भी सीधे प्रवेश की अनुमति दी गई, तब 538 और सीटों पर प्रवेश हुए।
सूत्रों के मुताबिक 25 कॉलेज इस बार शून्य सत्र घोषित कराने के लिए आवेदन कर रहे हैं। स्थिति को देखते हुए करीब 15 कॉलेजों ने स्कूल शिक्षा विभाग में आवेदन कर परिसर में स्कूल चलाने की अनुमति मांगी है, ताकि कॉलेज बनाने और उसे चलाने में हुए खर्च की भरपाई की जा सके।
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