Thursday, April 18, 2024
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शिक्षाकर्मियों को झटका, सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

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बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। राज्य सरकार ने राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर खंडपीठ के पेंशन निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेगी। सरकार के इस निर्णय इस प्रदेश के हजारों समायोजित शिक्षाकर्मियों को झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने गत एक फरवरी को एक महत्वपूर्ण फैसले में शिक्षाकर्मियों को पुरान पेंशन स्कीम के तहत पेंशन का हकदार बताया था। उक्त निर्णय की पालना को लेकर शिक्षाकर्मी करीब दो माह से प्रतीक्षारत थे। हाल में राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसायटी अजमेर का एक शिष्टमंडल इस मुद्दे को लेकर राजधानी में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिला भी था। तब उन्हें उम्मीद जगी थी कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना जल्द ही करेगी। लेकिन अब सोसायटी को पता चला है कि सरकार उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेगी।

सरकार के इस कदम पर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसायटी ने रोष जताया है। सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया ने ‘अभय इंडिया’ को बताया कि पेंशन के मसले पर सरकार के सुप्रीम जाने के निर्णय की हम कठोर शब्दों में निंदा करते हैं। हमें इस बात की पूरी आशंका थी कि सरकार शिक्षाकर्मियों के प्रति संवेदनशील नहीं है तथा वो उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। लिहाजा हमने भी इसे लेकर पूरी तैयार कर रखी है। हमें जिस तरह उच्च न्यायालय में न्याय मिला था, उसी तरह सुप्रीम कोर्ट में भी न्याय मिलेगा। हम सरकार के इस निर्णय से आहत जरूर है, लेकिन हिम्मत नहीं हारेंगे, क्योंकि आगे भी हमारी जीत होगी। हमारी सोसायटी की विधि समिति आगामी दो-तीन दिनों में केवियट दायर करने की कार्यवाही करने जा रही है। हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। वहां देर हैं, लेकिन अंधेर नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष बुगालिया ने शिक्षाकर्मियों का आह्वान करते हुए कहा है कि वे किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार से भ्रमित न हो और पूर्व की भांति एकजुटता के साथ आगामी तैयारियों में जुट जाएं। बुगालिया ने कहा कि आने वाले समय में पेंशन के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार के निर्णय के विरोध में यदि विरोध प्रदर्शन करना पड़ा तो उसमें भी हम पीछे नहीं रहेंगे। इधर, सोसायटी के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश बाना ने सभी शिक्षाकर्मियों का आह्वान करते हुए कहा कि सोसायटी की मांग न्यायोचित है, इसीलिए उच्च न्यायालय से हमें न्याय मिला और अब सुप्रीम कोर्ट में भी हमारी जीत होगी। ऐसे में सभी को एकजुटता के साथ इस मुहिम से जुड़े रहना होगा।

गौरतलब है कि पेंशन के मामले में पीएफ राशि जमा कराने को लेकर राज्य सरकार की ओर से डेढ़ महीने तक कोई गाइड लाइन जारी नहीं किए जाने पर हाल में उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में पीएफ की राशि जमा कराने की न केवल तिथि बढ़ाई थी, बल्कि सरकार को भी उक्त राशि जमा करने के आदेश दिए थे।

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