जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में इन्वेस्ट समिट को लेकर भाजपा नेताओं की ओर से हो रही बयानबाजी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में निवेश रोजगार के लिए हम गौतम अडाणी, मुकेश और अनिल अंबानी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पुत्र जय शाह का स्वागत करेंगे, हमें रोजगार और निवेश चाहिए। भाजपा नेताओं की बयानबाजी पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि यह भाजपा के लिए महंगा पड़ेगा।
समिट के समापन समारोह के बाद मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा ने अडाणी को लेकर मीडिया में चलाने का प्रयास किया। भाजपा को समिट का विरोध उल्टा पड़ेगा। हर नौजवान कहेगा कि उसे रोजगार मिल रहा है, जिसका भाजपा विरोध कर रही है। समिट में तीन हजार लोग शामिल हुए यह भाजपा की हरकत देख रहे हैं।
आपको बता दें कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया एवं उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने एक बयान में कहा था कि गहलोत और कांग्रेस अडाणी का विरोध करते हैं, लेकिन समिट में उनकी प्रशंसा की गई। गहलोत ने उन्हे अपने बगल में बिठाया।
गहलोत ने भाजपा नेताओं के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि तीन हजार निवेशकों में सभी विचारधाराओं के व्यापारी शामिल थे। जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं,उन्हे बताना चाहिए कि कई व्यापारी किसी पार्टी में शामिल हो जाते हैं तो क्या वे दूसरे राज्यों में निवेश नहीं करते?
उन्होंने कहा कि मुझे ये समझ नहीं आया कि भाजपा ने इस कार्यक्रम का इन्वेस्ट समिट का विरोध क्यों किया, आप कांग्रेस का विरोध करिए, लेकिन राजस्थान के युवाओं के भविष्य के मौकों का विरोध क्यों कर रहे हो। क्या भाजपा हमारे इतने अंतविरोध में आ गई कि वह प्रदेश के सुनहरे भविष्य के लिए हो रहे कार्यों का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि मेरा विरोध करते हुए भाजपा प्रदेश का विरोध करने में जुट गई। राजीवजी के समय इन्होंने कम्प्यूटर का विरोध बैलगाड़ी से चलकर किया था। आज पूरा प्रदेश देख रहा है कि जब राजस्थान में आने वाले निवेश और नौकरियों का विरोध कर भाजपा राजस्थान का अहित करने का प्रयास कर रही है। समिट में करीब 11 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं।
इनसे दस लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। समिट में सिर्फ एमओयू पर हस्ताक्षर ही नहीं हुए, बल्कि करीब 40 प्रतिशत परियोजना अगली स्टेज में पहुंच गए हैं। देश-दुनिया के व्यापारी यहां आए और यहां मिले सम्मान से अभिभूत दिखे।
गहलोत ने समिट के समापन के मौके पर कहा कि प्रदेश मेें लघु,सूक्ष्म, मध्यम उद्योग (एमएसएमई) इकाईयों को पांच साल तक सरकारी विभागों से किसी भी तरह की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। कर्ज सहित अन्य सरकारी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध करवाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि एमएसएमई नीति तैयार कर के लघु,सूक्ष्म एवं मध्यम उघोगों को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है। समिट के दूसरे दिन शनिवार को लघु उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहे। अधिकांश बड़े उद्योगपति शुक्रवार शाम को ही चले गए थे।
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