बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। जिले में बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध कारोबारों पर अंकुश लगाने के लिये जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम द्वारा बरती जा रही सख्ताई से बीकानेर के माफिया जगत में हडकंप सा मचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार जिप्सम और बजरी माफियाओं के अलावा भू-माफिया और शराब कारोबारी भी जिला कलक्टर की सख्ताई के कारण बुरी तरह विचलित है। इनमें जिम्पस-बजरी माफियाओं का धंधा बुरी तरह प्रभावित है, क्योंकि कलक्टर ने खान एवं खनिज विभाग अधिकारियों को जिप्सम-बजरी के अवैध खनन-परिवहन पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के निर्देश दे रखे है और खुद भी लगातार निगरानी कर रहे है।
रात आठ बजे बाद ठेकों पर बिकने वाली शराब की रोकथाम के लिये कलक्टर की सख्ताई भी शराब कारोबारियों को खासी अखर रही है। कलक्टर की सख्ताई के कारण आबकारी अफसर और पुलिस भी शराब ठेकों पर रात आठ बजे बाद शराब की बिक्री के मामले में रिस्क नहीं ले रहे है। इनके अलावा शहर के आस-पास बड़ी तादाद में अवैध कॉलोनियां के खिलाफ कार्यवाही की मुहिम से बीकानेर के भू-माफिया भी खासे परेशान है। खबर है कि कलक्टर से सेटिंग बैठाने के तमाम प्रयासों में नाकामी के बाद शहर के माफियाओं ने अब जयपुर से सेटिंग बैठाने के लिये अपने घोड़े दौड़ा रखे है। हालांकि तमाम माफियाओं ने सियासी दबाव का पैंतरा भी आजमाया लेकिन धुंआधार अंजाम में अवैध कामों के खिलाफ कार्यवाही की मुहिम में जुटे जिला कलक्टर ने किसकी सुनवाई नहीं की।
जिले के प्रभारी मंत्री के मार्फत भी कलक्टर पर दबाव बनाने के प्रयास हुए, लेकिन प्रभारी मंत्री ने इस मामले में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। कलक्टर के साथ तालमेल बैठाने के लिये बिचौलिये भी तलाशे, लेकिन बिचौलिये ने अपने कदम पीछे खींच लिये। बताया जाता है कि फिलहाल सत्ता के कुछ दलालों ने इस मामले में माफियाओं को चुनावी आचार संहिता हटने तक धैर्य बनाये रखने का भरोसा दिला रखा है।
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