Wednesday, May 8, 2024
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बीकानेर : पीबीएम परिसर में प्राइवेट एम्बुलेंसों का कब्जा

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बीकानेर abhayindia.com पीबीएम होस्पीटल में प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों ने जबरन कब्जा कर रखा है,होस्पीटल प्रशासन की ओर से इन एंबुलेंस संचालकों को पीबीएम परिसर के अंदर की परमिशन नहीं है,फिर में दर्जनों की तादाद में प्राईवेट एंबूलेंसे होस्पीटल परिसर में जगह जगह खड़ी रहती है और इनकी तादाद भी लगातार बढ रही है।

शनिवार की रात एक एंबुलेंस चालक पर हुए कातिलाना हमले की संगीन वारदात के बाद सुर्खियों में आये प्राईवेट एम्बुलेंसों के मामले को लेकर पड़ताल करने पर सामने आया है कि पीबीएम होस्पीटल में वार्डों के अंदर से लेकर बाहर तक प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों का खेल चल रहा है। न केवल उन्होंने पीबीएम परिसर पर कब्जा जमा रखा है बल्कि यहीं से वह अपने दलालों के माध्यम से मरीजों को मनमाने किराये पर वाहन उपलब्ध करा रहे हैं।

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नियमानुसार पीबीएम अस्पताल के परिसर में केवल सरकारी और108 एम्बुलेंस ही खड़ी रह सकती हैं । निजी एम्बुलेंस को अस्पताल परिसर के अंदर अपने वाहन खड़े करने और मरीजों को ढूंढने की इजाजत नहीं है लेकिन काफी समय से यहां निजी एम्बुलेंस वाले सक्रिय हैं जो पीबीएम अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से अपना धंधा चमका रहे हैं । जानकारी के मुताबिक जैसे किसी मरीज को बाहर रेफर होने की जरूरत पड़ती है तो अस्पताल के ही कुछ कर्मचारी मरीज के परिजनों को समझा बुझाकर उन्हें प्राइवेट एम्बुलेंस संचालकों के हवाले कर देते हैं। इसके बाद फिर एम्बुलेंस चालक मरीजों के परिजनों से मनमाना किराया वसूलते हैं।

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जानकारी के मुताबिक जबलपुर तक के 90 किलोमीटर के सफर के लिए 2500-3000 तक वसूल लेते हैं जबकि इससे अधिक दूरी और ले जाने के लिए 10 से 12 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से राशि वसूली जाती है।

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एम्बुलेंस में नहीं है आवश्यक सुविधाएं
पीबीएम होस्पीटल परिसर खड़ी हो रही कुछ निजी एम्बुलेंस में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं । न तो लाइफ सपोर्ट सिस्टम है और न ही पैरामेडिकल स्टाफ की सुविधा है जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक ओर शासन जहां लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली बड़ी एम्बुलेंस सेवा संचालित कर रही है तो वहीं निजी एम्बुलेंस वाले ज्यादातर ओमनी वैन जैसी छोटी गाडिय़ों के माध्यम से एम्बुलेंस सेवा प्रदान कर रहे हैं जिसमें मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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