सुरेश बोड़ा/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। बीकानेर की केन्द्रीय जेल में सजा काट रहे बंदियों के लिए मोबाइल फोन हासिल करना मुश्किल काम नहीं है। वे जेल के अंदर से न केवल बाहरी दुनिया के लोगों से बातचीत करते हैं, बल्कि नेट का उपयोग करते हुए ऑनलाइन भी उपलब्ध हो जाते हैं। जेल के ऐसे हालात की पोल हाल में हुए निरीक्षण में भी खुल गई।
सूत्रों के मुताबिक जेल में बंदियों ंके पास मोबाइल फोन होने की पुख्ता सूचना मिलने के बाद जेल प्रशासन ने विशेष तलाशी अभियान चलाया तो बैरिकों में पांच सजायफ्ता बंदियों प्रदीप पुत्र मायाराम, राजू उर्फ राजकुमार पुत्र पूर्णाराम, सुनील पुत्र घासीराम, पवन पुत्र साहबराम तथा भैरूराम पुत्र श्रीराम के पास मोबाइल, सिम और चार्जर वगैरहा बरामद हुए जो उन्होने बैरिकों के अंदर गोपनीय जगहों पर छूपा रखे थे। खबर है कि यह बंदी जेल के अंदर से हर दिन बंदी सोशल मीडिया पर फोटो व लाइव स्टेटस अपडेट कर रहे थे और बाहर अपने साथी अपराधियों के संपर्क में थे।
इसकी सूचना मिलने के बाद जेल प्रशासन ने विशेष तलाशी अभियान इनके पास मोबाइल, सिम और चार्जर वगैरहा बरामद होने पर सुरक्षा प्रहरी ने इनके खिलाफ बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया गया है। इससे पहले अप्रेल व मई में हुए औचक निरीक्षण में भी हार्डकोर बंदियों के बैरकों से मोबाइल व सिम मिले थे। 22 जून को चलाये गये तलाशी अभियान में कार्यवाहक सुपरिंटेंडेंट बंशीलाल सोनी के नेतृत्व में जेलर विजय सिंह, जेलर सुरेश कुमार सहित आरएसी एवं बॉर्डर होमगार्ड के जवान शामिल थे। जिन्होंने जेल के विभिन्न बैरकों, वार्डों, हॉल एवं परिसर की तलाशी ली। दो माह पहले भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बीकानेर कारागार में तलाशी अभियान के दौरान 40 मोबाइल, चार्जर और सिम कार्ड बरामद हुए थे।
बीकानेर केन्द्रीय कारागार अतिसंवेदनशील होने के बावजूद यहां सुरक्षा बंदोबस्त लचर हैं। जेल से बंदियों का गवाहों को धमकाने, व्यापारियों-जनप्रतिनिधियों से ठगी और वसूली करने, गिरोह चलाने के साथ क्रिकेट सट्टा करने के मामले उजागर हो चुके है। इसके कारण जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे है।