बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश में चार माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी वर्गों का समर्थन जुटाने के लिहाज से भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग शुरू कर दी है। इसकी बागडोर सबसे पहले सीएम वसुंधरा राजे ने संभाल ली है। बीकानेर दौरे के दौरान उन्होंने राजपूतों, एससी-एसटी और ओबीसी को रिझाने के लिए सीएम ने पहल भी कर दी।
इसी क्रम में सीएम ने भाजपा के कद्दावर नेता देवीङ्क्षसह भाटी को राजधानी बुलाया था। भाटी रविवार सुबह राजधानी पहुंच भी गए। वे शनिवार शाम को बीकानेर से रवाना हो गए थे। बीकानेर यात्रा के दौरान सीएम वसुंधरा राजे ने देशनोक में पूर्व मंत्री भाटी से राजनीतिक समीकरणों को लेकर काफी देर चर्चा की थी। बाद में उन्हें जयपुर आने का भी कहा था। इससे पहले सीएम ने अपने ध्रुर विरोधी कहे जाने वाले बीकानेर सांसद एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री को भी साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बीकानेर में सीएम जहां भी गईं, अर्जुनराम उनके साथ ही खड़े नजर आए। इसके साथ ही सीएम ने अनुसूचित जाति के वोटों को थामने की भरसक कोशिश की। बाद में सीएम ने देशनोक में चारण समाज और कतरियासर में नाथ संप्रदाय के लोगों से गर्मजोशी से मुलाकात कर ओबीसी वोटर्स की नब्ज भी टटोल ली।
भाटी के साथ कैसी होगी मंत्रणा?
पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रदेश में राजपूत समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए सीएम ने समाज के बड़े नेताओं से मेल-मिलाप तेज कर दिया है। इसी क्रम में वे कद्दावर नेता देवीसिंह भाटी से रविवार को लंबी मंत्रणा कर सकती है। भाटी बीकानेर के अलावा कई क्षेत्रों में अपना खासा प्रभाव रखते हैं, खासतौर से राजपूत समाज में भी उनकी अच्छी पकड़ है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समाज को अपने साथ जोड़े रखने के लिहाज सीएम वसुंधरा पूर्व मंत्री भाटी के माध्यम से नई रणनीति बना सकती है।
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