बीकानेर abhayindia.com नगर विकास न्यास की कॉलोनियों में अवैध अतिक्रमणों की बाढ सी आई हुई। इन कॉलोनियों में जहां नजर डालों वहां अतिक्रमण की भरमार है। प्रभावशाली लोगों ने अपने घरों-प्रतिष्ठानों के आगे मनमाफिक अतिक्रमण कर रखे हैं। न्यास की सबसे प्रतिष्ठित सादुलगंज कॉलोनी तो अतिक्रमणों से अटी पड़ी है। इसके अलावा जय नारायण व्यास कॉलोनी, मुरलीधर व्यास कॉलोनी, पवनपुरी, सुदर्शना नगर, आदर्श कॉलोनी समेत किसी भी कॉलोनी में झांक कर देख लो चहुंओर अतिक्रमण नजर आएंगे। पॉश कही जाने वाली इन कॉलोनियों में प्रभावशाली और सियासी रसूखात वाले लोगों की देखादेखी सभी वर्ग के लोगों ने अतिक्रमण कर रखे है।
जानकारों के अनुसार इन पॉश कॉलोनियों के अतिक्रमणों के नगर विकास न्यास के अफसरों की बेईमानी का जीता जागता सबूत कहें तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि नगर विकास में हर कॉलोनी में हुए अतिक्रमणों और अवैध कब्जों को लेकर शिकायतों की भरमार है। शिकायतकर्ता पुख्ता साक्ष्य सबूतों के साथ अतिक्रमणों और अवैध कब्जों की शिकायत करते है। इन शिकायतों का आंकड़ा लगातार बढ रहा है, लेकिन न्यास के जिम्मेदार अफसर कार्यवाही करने के बजाय अतिक्रमियों और कब्जाधारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय उनसे वसूली कर लौट आते है।
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आपको बता दें कि यह सिलसिला आज से नहीं लंबे अर्से से चल रहा है। अतिक्रमणों और अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही के लिये न्यास प्रशासन के किसी भी अफसर ने आज तक ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। हालांकि हाईकोर्ट की सख्ताई के बाद पिछले साल नगर विकास न्यास का अमला अतिक्रमणों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये निकला और कई जगहों पर तोडफ़ोड़ कर अतिक्रमणों का सफाया किया, लेकिन प्रभावशाली लोगों के घरों-प्रतिष्ठानों की तरफ झांक भी नहीं देखा। छुटभईयों के अतिक्रमण और कब्जे ध्वस्त कर कार्यवाही की रिपोर्ट पर दिखावे के तौर पर हाईकोर्ट में पेश कर दी। मजे कि बात तो यह है कि जिन अतिक्रमणों और कब्जों का सफाया किया गया था, वहां फिर अतिक्रमण कायम हो गये।
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आवासीय भूखण्डों पर कॉम्पलेक्स : नगर विकास न्यास की नाकामी के कारण शहर की पॉश कॉलोनियों में अतिक्रमणों और अवैध कब्जों की हौड़ सी मची हुई है। लोगों ने अपने घरों के आगे और आसपास जहां मौका मिला वहीं रैंप, चार दिवारी और पार्क बना कर अतिक्रमण कर रखा है। कई कॉलोनियों में प्रभावशाली लोगों ने पार्को की जमीन पर भी कब्जा कर रखा है। व्यास कॉलोनी के सैक्टर नंबर आठ में तो एक प्रभावशाली कारोबारी ने सार्वजनिक पार्क को ही अपने अतिक्रमण की जद में शामिल कर रखा है।
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हुड़को क्वार्टर में भी एक सूदखोर ने खाली भूखण्ड पर कब्जा कर रखा है। इन कॉलोनियों में आवासीय भूखण्डों पर कॉमर्सियल बिल्डिंगें और कॉम्पलेक्स बना लिये है। नियमों की अनदेखी कर बनाये गई इन बिल्डिंगों और कॉम्पलेक्सों के कारण न्यास को भले ही करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान हुआ हो, लेकिन न्यास के अफसरों ने अपने घर भर लिये। न्यास अफसरों की बेईमानी के कारण पॉश कॉलोनियों में बिना कर्न्वजन कराये ही आवासीय भूखण्डों पर कॉमर्सियल बिल्डिंगें और कॉम्पलेक्स बनाने का चलन बदस्तूर जारी है। नगरीय विकास विभाग नियमों के अनुसार आवासीय भूखण्डों पर का दुरूपयोग कर कॉमर्सियल बिल्डिंगें और कॉम्पलेक्स बनाने वालों पर जुर्मानें का अलावा भूखण्ड निरस्त करने का प्रावधान है। लेकिन न्यास के अफसरों की मेहरबानी के कारण आज तक किसी के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई।