








बीकानेर Abhayindia.com अखिल राजस्थान बाबू एकता मंच ने राजस्थान के अधीनस्थ विभागों, सचिवालय, सरकारी, अर्धसरकारी, स्वायत्त शासी विभागों, आयोगों, निकायों, निगमों, बोर्डों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग बाबू को ग्रेड पे 3600 दिलवाने की एक सूत्रीय मांग को लेकर 11 अक्टूबर से बीकानेर से जयपुर शासन सचिवालय तक पैदल मार्च की चेतावनी दी है। इस संबंध में मंच के प्रदेश संयोजक कमल नारायण आचार्य की अगुवाई में शिष्टमंडल ने आज एडीएम प्रशासन ओमप्रकाश को ज्ञापन सौंपा।
शिष्टमंडल में देश संरक्षक मदन मोहन व्यास, गिरजाशंकर आचार्य, राजेश व्यास एवं राजेन्द्र शर्मा शामिल रहे। प्रदेश संयोजक कमल नारायण आचार्य ने बताया कि बाबू संवर्ग में एकता स्थापित कर आन्दोलन करने के लिए विभिन्न महासंघों, संघों, विभागीय संघों एवं प्रमुख नेताओं से सम्पर्क किया जा रहा है।
संयोजक आचार्य ने बताया कि प्रशासन को दिए ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि राजस्थान के बाबू वर्ग को ग्रेड पे कम होने के कारण आर्थिक नुकसान हो रहा है। जो संवर्ग बाबू संवर्ग से कम वेतनमान ले रहे थे अथवा समान वेतनमान में थे, उनका ग्रेड पे 3600 कर बाबू को आर्थिक बराबरी से पीछे धकेल दिया गया, राजस्थान सरकार द्वारा हमारी प्रमुख मांग ग्रेड पे 3600 को दरकिनार कर दिया गया है। 2013 में अधीनस्थ विभागों, संघों, महासंघों, आरपीएससी के प्रतिनिधियों ने एवं समस्त बाबू भाईयों ने इकट्ठे होकर नागौर में अपने हक के लिए ग्रेड पे 3600 की पुरजोर आवाज उठाई गई। पहली बार बाबू भाईयों के द्वारा ही एक मंच तैयार किया जाकर समय–समय पर आन्दोलन किये गये परंतु बाद में बाबू भाईयों की एकता को खंडित कर महासंघ अलग–अलग टुकड़ों में बंट गया और भी कई संगठन पैदा हो गये और बाबू संवर्ग की प्रमुख मांग ग्रेड पे 3600 को दरकिनार कर दिया गया है जबकि बाबू संवर्ग की अस्मिता को बनाये रखने और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए बहुत जरूरी है। स्टेट पैरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक/कनिष्ठ लिपिक/लिपिक ग्रेड-2 को ग्रेड पे 3600 नये वेतनमान में एल-5 के स्थान पर एल-10 मिले, इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह सक्षम है।





