Wednesday, November 20, 2024
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एनआरसीसी देगा ऊँट के बालों से पारंपरिक उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण

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बीकानेर Abhayindia.com भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) बीकानेर के वैज्ञानिकों ने आज गांव कक्कू, नोखा में ऊँट के बालों से उत्पाद तैयार करने संबंधी पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े पशुपालकों से संवाद किया। केन्द्र की अनुसूचित जाति उप-योजना के तहत आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में कक्कू ग्राम वासियों ने विशेष रूचि दिखाई।

पशुपालकों से बातचीत के दौरान केन्द्र के निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि प्रदेश में ऊँटों की पारंपरिक उपयोगिता विविध रूपों में देखी जा सकती है। इसी क्रम में राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र,  ऊँट की ऊन से हस्त-निर्मित पारंपरिक उत्पादों की लोकप्रियता, जिनमें कई लुप्त हो रही है, को बढ़ानी की मंशा रखता है जिनकी पर्यटन उद्योग में काफी मांग देखी जा सकती है। डॉ. साहू ने केन्द्र में इस प्रयोजनार्थ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन की बात कही तथा गांव के कुशल कारीगरों से यह अपेक्षा जताई कि वे प्रशिक्षण के माध्यम से अन्य ऊँट पालकों को भी इस व्यवसाय में प्रशिक्षित करें ताकि अधिकाधिक पशु पालकों को संबंधित व्यवसाय से रोजगार प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर कक्कू गांव के सरपंच हेमेन्द्र सिंह ने केन्द्र वैज्ञानिकों को यह जानकारी दी कि ग्राम स्तर पर भेड़ की ऊन का धागा तैयार किया जाता है जो कि बीकानेर की विभिन्न ऊन मीलों को भेजा जाता है, यदि भेड़ की ऊन के साथ-साथ ऊँट के बालों का भी उपयोग लिया जा सके तो कई पशु पालकों को इसका लाभ मिलेगा और ग्रामीणों के समाजार्थिक स्तर में सुधार लाया जा सकेगा।

इस अवसर पर केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं उप-योजना नोडल अधिकारी डॉ. आर. के. सावल ने कहा कि ऊँट के बालों से पारंपरिक उत्पाद तैयार करने एवं इसके प्रशिक्षण के लिए संस्थान की उष्ट्र उत्पाद प्रसंस्करण एवं प्रशिक्षण इकाई के माध्यम से परियोजना से जुड़े लोगों को सीधे स्तर पर लाभ पहुंचाया जा सकेगा।

इस अवसर पर कक्कू गांव के कुशल कारीगर गोमद लोहिया ने ऊँट के बालों से निर्मित विभिन्न उत्पादों यथा-दरी, चद्दर, हस्त निर्मित उत्पाद के लिए प्रयुक्त उपकरणों आदि का प्रदर्शन भी किया।

पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन अब एक सप्ताह में होगा, पुलिस थानों को एम-पासपोर्ट एप से जोड़ा

जयपुर Abhayindia.com मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा है कि पासपोर्ट एक अति महत्वपूर्ण नागरिक दस्तावेज है, जिसको जारी करने से पहले हर पहलू की जांच करना जरूरी है। एम-पासपोर्ट एप के माध्यम से सूचना तकनीक का उपयोग कर इस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिससे नागरिकों को लम्बी प्रक्रिया से राहत मिलेगी। आर्य ने मंगलवार को शासन सचिवालय के सभागार में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय तथा राज्य के गृह विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एम-पासपोर्ट एप का शुभारम्भ किया। प्रदेश के सभी पुलिस थानों को एप से जोड़ कर मैपिंग कर दी गई है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया में पुलिस सत्यापन एक अहम चरण है, जिस पर सूचना संकलन और डाटा संधारण करने का काम बहुत संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए।

स्वागत उद्बोधन में प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने एम-पासपोर्ट एप की उपयोगिता पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय तथा गृह विभाग द्वारा संयुक्त रूप से जारी इस एप में पुलिस सत्यापन के लिए अधिकतर सवालों का जवाब ‘हां’ या ‘नहीं’ में रिकॉर्ड किया जाता है। यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक है। इसके शुरू होने से पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन की अवधि दो सप्ताह से घटकर एक सप्ताह हो जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुछ जगहों पर ‘पायलट रन’ के बाद अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव प्रभात कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस सत्यापन प्रक्रिया में एम-पासपोर्ट एप के उपयोग से भारतीय नागरिकों के लिए पासपोर्ट प्राप्त करना तो आसान होगा ही, विदेश में रह रहे भारतीयों तथा भारतीय मूल के लोगों के लिए ‘पुलिस क्लीयरेन्स सर्टिफिकेट’ प्राप्त करने में भी यह एप उपयोगी होगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ‘डीजी लॉकर’ सुविधा को भी प्रचारित कर रही है, जिससे लोगों को विदेश यात्रा के दौरान अपने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को हर समय साथ रखने की आवश्यकता से छूट मिल सके।

पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेन्स उमेश मिश्रा ने बताया कि एम-पासपोर्ट सुविधा के बेहतर परिणाम के लिए पासपोर्ट तथा पुलिस अधिकारियों के समंवित प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस सत्यापन में लगने वाले समय को कम करने के लिए कांस्टेबल स्तर तक पुलिस कार्मिकों का क्षमता संवद्र्धन किया जा रहा है। इस सुविधा से पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में पुलिस की सेवा गुणवत्ता में सुधार आएगा।

कार्यक्रम में गृह सचिव सुरेश गुप्ता, विशिष्ट सचिव गृह वी. सरवन कुमार, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी नीतू भगोतिया, पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार सिंह, गृह विभाग के संयुक्त शासन सचिव देवेन्द्र कुमार, रामनिवास मेहता तथा सोविला माथुर सहित पुलिस, गृह एवं पासपोर्ट विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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राजस्‍थान : इस महीने भी सरकार को पास करनी होगी ये बड़ी “परीक्षा”…

जयपुर। राजस्‍थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के बाद अब प्रदेश की गहलोत सरकार के सामने इस महीने भी एक और बड़ी “परीक्षा” पास करने की चुनौती खड़ी है। आपको बता दें कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की पटवारी भर्ती परीक्षा 23 और 24 अक्टूबर को होने जा रही है। 5 हजार 378 पदों के लिए होने वाली इस सीधी भर्ती परीक्षा का आयोजन 3 घंटे की दो-दो पारियों में होगा।

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि 23 अक्टूबर को प्रथम पारी की परीक्षा सुबह 8:30 बजे से सुबह 11:30 बजे तक होगी। वहीं, दूसरी पारी की परीक्षा दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक होगी। इसी तरह 24 अक्टूबर को भी इसी समय पर दो पेपर होंगे। परीक्षा को देखते हुए परीक्षार्थियों से अपील की गई है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी भ्रामक खबर या जानकारी पर विश्वास नहीं करें। चयन बोर्ड द्वारा क्षेत्रीय स्तर के मीडिया में जारी खबरों और बोर्ड की अधिकृत वेबसाइट पर प्रकाशित विज्ञप्ति को ही अधिकृत माना जाए। परीक्षार्थी किसी भी तरह की जानकारी के लिए बोर्ड की वेबसाइट www.rsmssb.rajasthan.gov.in देख सकते हैं।

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