Friday, January 31, 2025
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बीकानेर, श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ क्षेत्र में पोटाश खनन का रास्ता हुआ साफ, एमओयू…

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बीकानेर abhayindia.com  बीकानेर में जल्द ही पोटाश का खनन शुरू होने वाला है। आज मिनरल एक्पलोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड, राजस्थान स्टेट मांइस एंड मिनरल लिमिटेड और खान एवं भूविज्ञान विभाग के मध्य राजस्थान के बीकानेर, श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ क्षेत्र में पोटाश उत्खनन के लिए एक त्रिपक्षीय समझौता हस्ताक्षरित किया गया।

समझौते पर हस्ताक्षर होते ही राजस्थान के बीकानेर सहित श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों में पोटाश उत्खनन का रास्ता साफ हो गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय कोयला एवं खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्द्रीय संसदीय कार्य एवं भारी उद्योग और लोक उद्यम राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राजस्थान के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, राजस्थान के मुख्य सचिव निरजंन आर्य, राजस्थान के प्रधान सचिव (खान) अजिताभ शर्मा, केन्द्र में संयुक्त सचिव (खान) उपेन्द्र जोशी, एमईसीएल के सीएमडी रणजीत रथ उपस्थित रहे।

इस समझौते के अनुसार निर्धारित समय सीमा में वैश्विक मानकों व तकनीकों द्वारा फिजिब्लिटी पर कार्य करके क्षेत्र में पोटाश उत्खनन को तेजी मिलेगी। उल्लेखनीय है कि बीकानेर क्षेत्र में जी3 लेवल का पोटाश फिजिब्लिटी का कार्य चल रहा है। समझौते के तहत पोटाश उत्खनन जर्मनी एवं कनाडा की तर्ज पर सोल्यूशन माइनिंग द्वारा किया जायेगा, जिसमें 200 – 400 मीटर जमीन के अन्दर पोटाश को बोरवेल करके पानी और सोल्यूशन के जरिये घुलनशील करके बाहर निकाला जायेगा। इससे आगे चलकर राजस्थान को देश में सोल्यूशन माइनिंग का केन्द्र बनाने में मदद मिलेगी।

राजस्थान में पोटाश के उत्खनन से भारत एवं राजस्थान की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। आज भारत को प्रतिवर्ष 10 हजार से 15 हजार करोड रूपये का खर्च पोटाश के आयात पर करना पडता है। अब आत्मनिर्भर भारत के अन्तर्गत बीकानेर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस मुहिम को मजबूत बनाएगा और बीकानेर पोटाश के क्षेत्र मे देश को आत्मनिर्भर बनाऐगा।

इस संदर्भ में बीकानेर के सांसद एवं केन्द्रीय संसदीय कार्य एवं भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के विशेष प्रयास रहे। अर्जुनराम मेघवाल की पहल पर 9 जनवरी 2020 को केन्द्रीय कोयला एवं खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बीकानेर का दौरा किया था तथा 25 जनवरी 2020 को प्रल्हाद जोशी एवं अर्जुन राम मेघवाल ने नई दिल्ली में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी।

ज्ञातव्य है कि 1974 में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने पोटाश की खोज शुरू की थी, लगभग 70 बोरवेल खोदे गए, लेकिन बाद में इस महत्वपूर्ण विषय पर गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं दिया गया। मोदी सरकार आने के बाद 2015 में एमएमडीआर एक्ट में संशोधन किया गया, जिसमें प्रक्रियाओं के सरलीकरण, खनिज संसाधनों के आवंटन व परदर्शिता मिनरल एक्सप्लोरेशन तथा इन्वेस्टमेंट को बढाने को लेकर संशोधन किये गऐ, जिसके कारण बीकानेर में पोटाश की खोज मे तेजी आई।

केन्द्रीय राज्य मंत्री मेघवाल ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस समझौते से क्षेत्र में विकास के नए अवसर सृजित होगें साथ ही देश के आर्थिक उत्थान में भी मदद मिलेगी। कृषि क्षेत्र में फर्टिलाइजर के रूप में पोटाश की बहुत महत्वपूर्ण उपयोगिता है, इसके अलावा विभिन्न केमिकल, ग्लास व एक्सप्लोसिव निर्माण में भी पोटाश का उपयोग होता है। बीकानेर अब पोटाश, केमिकल, ग्लास व एक्सप्लोसिव हब के रूप में उभरेगा।

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