Friday, January 17, 2025
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महिला शिक्षा के प्रबल पैरोकार रहे दयानंद सरस्‍वती : डॉ. मेघना

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बीकानेर abhayindia.com महाराजा गंगासिंह विश्‍वविद्यालय बीकानेर की व्‍याख्‍याता डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि दयानन्द सरस्वती स्वाधीनता पूर्व भारतीय परिदृश्य में महिला चेतना विशेषतौर पर महिला शिक्षा के प्रबल पैरोकार रहे। जिसमें उनके विचारों का पोषण करने में ईश्वरचंद्र विद्यासागर और स्वामी सहजानंद की भी महत्ती भूमिका रहीl उन्होंने आर्य समाज के बैनर तले जगह जगह कन्या गुरुकुलों की स्थापना की व महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागृत करने का पावन कार्य कियाl

डॉ. मेघना शर्मा ने यह विचार कुमाऊं विश्‍वविद्यालय, नैनीताल के इतिहास विभाग व यूजीसी के मानव संसाधन विकास केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय इतिहास शोध परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित भारतीय इतिहास : एक क्षेत्रीय दृष्टिकोण विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए व्‍यक्‍त किए।

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उन्‍होंने कहा कि जवाहरलाल लाल नेहरू ने भी स्वामी दयानन्द सरस्वती को आधुनिक भारत के सामाजिक राजनीतिक पटल का एक दैदीप्यमान ध्रुव व उनके प्रयासों को, भारतीय परिदृश्य में, महिलाओं व प्रताड़ित वर्गों के उत्थान में महत्वपूर्ण बतायाl इससे पूर्व उद्घाटन सत्र में लेडी श्रीराम कॉलेज नई दिल्ली की इतिहासविद प्रो. वसुधा पांडेय ने प्रत्येक इतिहासवेत्ता को स्वायत्त होकर क्षेत्रीय दृष्टिकोण को उजागर करने में भूमिका अदा करने का सन्देश मंच से दियाl

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मंचस्थ अतिथियों में कार्यक्रम अध्यक्ष कुमाऊं विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. के .एस. राणा, इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. गायत्री, प्रो. बीएल साह, प्रो. केशव पाठक व प्रो. अजय सिंह रावत ने अपने-अपने उद्बोधनों में क्षेत्रीय इतिहास के साथ साथ विषय में तार्किकता, महिला अध्ययन, शोध में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग, विषय के भावनात्मक पहलू पर चिंतन व इतिहास की पुनर्संरचना और संशोधन आदि पर बल देने की बात मंच से कहीl संगोष्‍ठी में देशभर के प्रतिभागी शामिल हुए जिसमें पश्चिम बंगाल, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आदि के विद्वान् व शोधार्थी सम्मिलित हुए।

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