सोहनलाल सारस्वत/बीकानेर/हेमेरां (अभय इंडिया न्यूज)। सर्दी की दस्तक के साथ ही हर घर मे जुकाम, बुखार के मरीज बढऩे लगे हैं। इस बीच झोला छाप डॉक्टर भी ग्रामीण क्षेत्रों में अपना जाल फैलाने लगे हैं। अधिकतर मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज कराने में ही संतुष्टि समझते हैं। दरअसल, ग्रामीण क्षेत्र में पर्याप्त चिकित्सा सेवा की व्यवस्था नही होने के कारण ग्रामीण इन झोला छाप नीम-हकीम डॉक्टरों के पास जाने को मजबूत हैं। इसके अलावा सस्ते इलाज के चक्कर में भी ये लोग बिना डिग्री डिप्लोमा के क्लीनिक संचालित कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों के पास पहुंच जाते है। झोलाछाप डॉक्टरों ने अमूमन गांवों में अपना अस्पताल खोल रखा है।। जहां वह कम पैसों में मरीज का उपचार कर उनके जीवन से खिलवाड़ करने में लगे हैं। लेकिन लंबे समय से सबंधित विभाग की ओर से इनके खिलाफ कार्रवाई न किए जाने से इनकी संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है।
मालूम हो कि हाईकोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज पर रोक लगाने राज्य शासन को निर्देश दिए थे। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम झोलाछाप डॉक्टर्स मरीजों का इलाज कर रहे हैं। स्थिति यह है कि इनके पास कोई डिग्री है न कोई इलाज करने का लाइसेंस है फिर भी यह लोगों का इलाज कर रहे है। यह सब स्वास्थ विभाग की अनदेखी एवं निष्क्रियता को सामने लाता है। जब झोलाछाप डॉक्टर्स के इलाज से मरीज के साथ कोई घटना घटित होती है। तब प्रशासन और स्वास्थ विभाग जागता हैं।
जानकारों की मानें तो कुछ ऐसे झोलाछाप भी हैं, जो बड़े डॉक्टरों के नर्सिंग होम में कुछ दिन कंपाउंडरी करने के बाद अब क्लीनिक चला रहे हैं। वहीं मेडिकल साइंस और दवा के बारे में कोई जानकारी न होने के बावजूद झोलाछाप हर मर्ज का शर्तियां इलाज करने का दावा करते नहीं थकते। इनसे इलाज कराने वाले लोगों को फायदा तो नहीं होता, बल्कि उनका मर्ज और बढ़ जाता है। कई बार जान पर बन आती है।
यह होते हैं फर्जी डॉक्टर
मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) तथा सेन्ट्रल कांउसिल ऑफ इंडिया (सीसीआईएम) ने एलोपैथी, आयुर्वेद व यूनानी पद्धति से की जाने वाली चिकित्सा पद्धति को मान्य किया है। इन पद्धति में डिग्री लिए बिना जो लोग मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उनको फर्जी डॉक्टर कहते है।
इनका कहना है…
गांवों में झोला छाप डॉक्टरों की शिकायत मिल रही हैं। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों को झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। नोखा में हमने झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की है। विभाग सतर्क है। इनके खिलाफ कार्यवाही कर रहे है। -डॉ. बी. एल. मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर
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