



बीकानेर Abhayindia.com दुनिया भर के लोगों को कैंसर के खिलाफ लडाई में एकजुट करने के लिए विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है। कैंसर के खिलाफ लड़ाई में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए हर साल एक नई थीम भी जारी की जाती है। इस साल विश्व कैंसर दिवस 2025 की विषय यूनाइटेड बाय यूनिक हैं।
क्यों मनाया जाता है विश्व कैंसर दिवस...
हर साल विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को इसलिए मानाया जाता है जिससे लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक किया जा सके और उन्हें इसकी रोकथाम, शीघ्र पहचान और उपचार के बार में सूचित और प्रोत्साहित किया जा सके।
विश्व में कैंसर की स्थिति
कैंसर पूरे विश्व में एक महामारी के रूप में फैल रहा है। विश्व में नये कैसर के रोगियों का आंकडा 19 मिलियन तक पहुंच चुका है एवं 2040 तक यह आंकडा 28 मिलियन होने का अनुमान हैं। पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 10 मिलियन लोग इस बीमारी से मर रहे है। WHO के मुताबिक, पूरे विश्व में 5 में से एक आदमी व 6 में से एक औरत अपने पूरे जीवनकाल में कैंसर से ग्रसित हो रही है एवं 8 में से एक आदमी व 11 में से एक औरत इस बीमारी से अपनी जान गंवा रहे है।
भारत में कैंसर की स्थिति
पिछले कुछ सालों में भारत में कैंसर तेजी से उभर रहा है, जो एक चिंता का विषय है। भारत में इस बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या करीब 9 लाख प्रतिवर्ष है। नये मरीजों की संख्या 14 लाख प्रतिवर्ष है। स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुंह का कैंसर, फेफडे और कोसोरेक्टल कैंसर भारत में पांच सबसे अधिक होने वाले कैंसर है। भारत में सरकारी हैल्थ कैंसर सिस्टम में विभिन्न स्तरों पर कैंसर का निदान और उपचार किया जा रहा है एवम कैंसर की रोकथाम, नियंत्रण, जांच और देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है।
इस रोग के मुख्य कारण तम्बाकू सेवन, शराब सेवन, मोटापा, फल व सब्जी का सेवन नही करना, नियमित व्यायाम नही करना, वायरस, वायुप्रदूषण, कैमिकल्स है। करीब 30 प्रतिशत कैंसर तम्बाकू के सेवन से होते है। इस रोग से बचने के लिए नियमित व्यायाम करें, वजन न बढ़ने दें, धूम्रपात व तम्बाकू का सेवन न करें। संतुलित भारतीय भोजन खाएं, स्वच्छता का ध्यान रखें। एचपीवी का टीका रोकथाम में सहायक हैं।
कैंसर के प्रमुख लक्षण
कैंसर के प्रमुख लक्षण गांठ बनना, असामान्य रक्त स्त्राव होना, लम्बे समय से खांसी. किसी मस्से के रंग व आकार में बदलाव या उसमें खून आना, घाव का ठीक न होना, वजन कम होना और मल-मूत्र की आदतों में बदलाव होना है। कैंसर की चार स्टेज होती हैं यदि कैंसर का पहली स्टेज की सम्भावना सबसे ज्यादा होती हैं। अब नई तकनीकों के माध्यम से इस रोग का प्रारम्भिक अवस्था में पता लगाया जा सकता है एवं पूर्णता इलाज सम्भव है। रोगी का उपचार स्टेज के आधार पर सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथैरेपी से किया जाता है। कैंसर के लिए आवश्यक है कि मरीज और घरवाले इस रोग के बारे में जागरूक हों, कैंसर से सम्बन्धित सभी भ्रान्तियों को दूर करना चाहिए। इसका पूर्णतया इलाज संभव है। मरीज इलाज करवाकर सामान्य व्यक्ति की तरह अपना जीवनयापन कर सकता है। -डॉ. संदीप गुप्ता, विभाग अध्यक्ष, कैंसर सर्जरी विभाग, आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल पीबीएम





