Friday, March 29, 2024
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हमारी संस्कृति को नष्ट करने की दृष्टि से अंग्रेजों ने संस्कृत साहित्य पर किए लगातार प्रहार : प्रो. रमाकांत पांडे

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बीकानेर Abhayindia.com महाराजा गंगासिंह यू‍निवर्सिटी (एमजीएसयू) के इतिहास विभाग एवं संग्रहालय व प्रलेखन केन्‍द्र की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्‍य वक्‍ता केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडे ने संस्कृत में लिखित आज़ादी की लड़ाई के अज्ञात इतिहास : संग्रहालयों की ज़ुबानी विषय पर अपनी बात रखी।

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प्रो. पांडे ने कहा कि अंग्रेज भली-भांति जानते थे कि अगर भारत में शासन करना है तो संस्कृत भाषा और उसके साहित्य को नष्ट करना होगा। लॉर्ड मैकाले ने इस काम को आगे बढ़ाने के लिए अंग्रेजी को भारत की सरकारी भाषा तथा शिक्षा का माध्यम बनाया और संस्कृत की पारंपरिक शिक्षा को अवैध घोषित किया। प्रतिक्रिया में अंग्रेजों के विरुद्ध विशाल आंदोलन खड़ा हुआ जिसका परिणाम यह हुआ कि कोलकाता हिंदू कॉलेज और संस्कृत कॉलेज के छात्रों ने मिलकर अंग्रेज अधिकारियों पर आक्रमण बोल दिया।

इससे पहले आयोजन सचिव इतिहास विभाग की डॉ. मेघना शर्मा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यशाला की भूमिका पर प्रकाश डाला व बताया कि संस्कृत के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्य व प्रेस पर भी प्रतिबंध लगाए गए। यहां तक की पत्रकारों को अपना अखबार प्रकाशित करने से पहले अंग्रेजों को दिखाए जाने के फरमान जारी हुए। कइयों को प्रतिबंधित भी किया गया। डॉ. शर्मा ने मुख्य वक्ता का परिचय भी मंच से पढ़ा।

विश्वविद्यालय के संग्रहालय व प्रलेखन केंद्र की निदेशक डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि अतिथियों ने आयोजन पूर्व चित्र कलाकृति का विमोचन किया जिसे चित्रकला विभाग के विद्यार्थियों द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला में बनाकर तैयार किया गया था।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति की धरोहर को संस्कृत साहित्य में बखूबी सदियों से सहेजा है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि प्राचीन भारतीय वैभव के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम को परिलक्षित करता बेहतरीन आईना संस्कृत साहित्य प्रस्तुत करता है। आयोजन में अतिथियों द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव विषय पर कलाकृति तैयार करने वाले विद्यार्थियों को मंच से प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया। चित्रकला विभाग के विद्यार्थी राम कुमार भादाणी ने मुख्य वक्ता को उनका स्केच बनाकर भेंट किया।

धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव यशपाल अहूजा द्वारा दिया गया तो वहीं मंच संचालन डॉ प्रगति सोबती ने किया। एमजीएसयू के वित्त नियंत्रक बीएल सर्वा, आजादी का अमृत महोत्सव के विश्वविद्यालय नोडल अधिकारी व उप कुलसचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजाराम चोयल, निदेशक शोध डॉ. रविंद्र मंगल, डॉ. प्रभुदान चारण, डॉ. अभिषेक वशिष्ठ, डॉ. सीमा शर्मा व उमेश शर्मा के अतिरिक्त संबद्ध महाविद्यालयों के सदस्य व भारी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

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