बीकानेर abhayindia.com पीबीएम अस्पताल में इलाज के लिये आने वाले मरीजों को सस्ते इलाज का लालच देकर शहर के निजी अस्पतालों में ले जाने वाला गिरोह सक्रिय है। खबर है कि गिरोह में निजी एंबुलेंस चालक व नर्सिंग स्टाफ शामिल है। चौंकाने वाली बात है कि मरीज जैसे ही सरकारी अस्पताल में पहुंचता है, उसकी सूचना थोड़ी देर में निजी अस्पतालों को मिल जाती है। वहां से एजेंट आकर मरीजों के परिजनों से मिलते हैं। उन्हें सस्ते इलाज का झांसा देकर निजी एंबुलेंस से लेकर चलते बनते हैं।
जानकारी में रहे कि पीबीएम अस्पताल मे चिकित्सीय सुविधाएं बढी है, लिहाजा दुगुने मरीज आने लगे। ट्रोमा सेंटर में हादसे के शिकार मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है। मेडिसिन आइसीयू में भी रोगियों को बेहतर सुविधएं मिलने लगी है। जनाना अस्पताल में भी प्रसव के लिए भी विशेषज्ञ मौजूद हैं। इसलिये निजी अस्पतालों में रोगियों का रूझान घट गया। ऐसे में कमीशन आधारित गिरोह के एजेंट मरीजों को निजी अस्पतालों में ले जाने के लिए पीबीएम में घूमते हैं।
बीकानेर में अफसरों की मेहरबानी से मिलावटखोर कर रहे मौज!
पीबीएम अस्पताल में कहने को तो सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, लेकिन वे इस ओर ध्यान नहीं देते। वे कहीं बैठकर टाइमपास करते नजर आते हैं या मोबाइल पर व्यस्त दिखते हैं। प्रशासन की सख्ती पर कई बार एंबुलेंसकर्मियों को वार्डों में जाने से रोकते भी है तो वह इन्हें धमकाकर घुस जाते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हादसों में घायल मरीज के आते ही वार्ड में मौजूद स्टॉफ एंबुलेंसकर्मियों को फोन कर सूचना देते हैं। कुछ समय बाद एंबुलेंसकर्मी मरीज के परिजनों को गुमराह कर वहां से निजी अस्पताल ले जाते है। वहां मरीज को ले जाने के बाद उन्हें अच्छा खासा कमीशन भी मिलता है। यह सब पिछले काफी समय से चल रहा है। इस बारे में पीबीएम प्रबंधन को शिकायतें भी मिल चुकी है, लेकिन पीबीएम प्रबंधन ने इन शिकायतों को कभी गंभीरता से नहीं लिया।