Friday, September 20, 2024
Hometrendingदेवमंदिर में जाने का क्‍या है महत्‍व, क्‍यों लगाते हैं चंदन, जानें-...

देवमंदिर में जाने का क्‍या है महत्‍व, क्‍यों लगाते हैं चंदन, जानें- हिंदू धर्म परम्परा की वैज्ञानिकता

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

देवस्थान की अपनी एक वैज्ञानिकता है, जिसमें मंदिर, मूर्ति, व पूजा-अर्चना सामग्री और विधि का भी अपना महत्व है जो हमारे जीवन में ऊर्जा का संचार करता है। जहाँ देवपूजा लक्ष्य होती है वहाँ शारीरिक तथा मानसिक लाभ अवश्य होता है। देवालय जाने के लिए हम सूर्योदय से पहले उठते हैं तथा सूर्योदय से पूर्व ही स्नान करते हैं। इससे रूप, तेज, आरोग्य, मेघा, आयु आदि की वृद्धि होती है। देवमंदिर प्रायः शहर के बाहर होते हैं। वहाँ कोई बगीची होती है। देवपूजा के लिए जब हम वहाँ जाते हैं तो हमें शुद्ध वायु मिलती है जिससे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य तथा शक्ति का लाभ भी मिलता है।

देवमंदिरों में चंदन लगाने की प्रथा है। चंदन लगाने से मानसिक आरोग्य बना रहता है तथा नियमित चंदन लगाने वाले मनुष्य को कभी नेत्र रोग नहीं होते, यह एक वैज्ञानिक रहस्य है। इसी प्रकार वहाँ धूप, दीप आदि सुगन्धित द्रव्यों के कारण मंदिर के चारों ओर दिव्य शक्ति का संचार रहता है, जिससे भूत बाधा की निवृत्ति तथा विषाक्त कीटाणु शक्ति का ह्रास होता है, शुद्ध वायुमंडल के प्रभाव से कुविचार अंदर नहीं रह पाते है।

पुरुष-शरीर पाँच तत्त्वों से बना होता है। भिन्न-भिन्न शरीरों में भिन्न-भिन्न तत्त्वों की प्रधानता रहा करती है। इसीलिए हमारे हिन्दुधर्म में प्रमुख पाँच देवताओं (सूर्य, शिव, विष्णु, दुर्गा और गणेश) की पूजा कही गई है। ये पाँचों देवता एक-एक तत्त्व को क्रमशः प्रधानता के कारण धारण करते हैं। इधर तत्त्वविशेष को धारण करने वाले सांसारिक जीव पर उसके पूजन का अनुकूल प्रभाव होने से जीव को शुभफल प्राप्त होता ही है। -अंजना शर्मा (ज्योतिष दर्शनाचार्य) (शंकरपुरस्कारभाजिता) पुरातत्वविद्, अभिलेख व लिपि विशेषज्ञ प्रबन्धक देवस्थान विभाग, जयपुर, राजस्थान सरकार

क्‍यों कहा जाता है पीपल को देवताओं का घर, जानें- इसका महत्‍व…

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular