झुंझुनूं abhayindia.com विजयादशमी पर्व 8 अक्टूबर को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। शाम ढलने के साथ ही जगह-जगह रावण के पुतले दहन किए जाएंगे। सब जानते है कि अधिकांश जगहों पर रावण के पुतलों को आग से खाक कर दिया जाता है, लेकिन राजस्थान में एक स्थान ऐसा भी है जहां रावण के पुतले को फूंकने से पहले बंदूक की गोलियों से छलनी कर दिया जाता है। राजस्थान के उदयपुरवाटी कस्बे के जमात में करीब ढाई सौ साल से रावण दहन के लिए इस दादूपंथी परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है।
उदयपुरवाटी दादूपंथी समाज व नगरपालिका के संयुक्त तत्त्वावधान में होने वाले इस महोत्सव में सर्व समाज के लोग हिस्सा लेते हैं। बताया जाता है कि उदयपुरवाटी कस्बे में झुंझुनूं रोड स्थित जमात इलाके का संबंध जयपुर के राजदरबार से है। जयपुर राजा सवाई मानसिंह ने कस्बे में जमात नामक क्षेत्र बसाया। जमात में राजा मानसिंह ने अपनी दादूपंथी सेना को बसाया। दादूपंथी सेना हर वर्ष दशहरा महोत्सव को काफी जोर-शोर से मनाती है।
आपको बता दें कि दशहरे की पूर्व संध्या पर मंगलकामना हवन होता है। विजयदशमी के दिन सुबह 4 बजे रेखला से 101 सलामी दी जाती है। इसके बाद सुबह करीब साढ़े पांच बजे हवन की वेदी पर शस्त्रों की पूजा होती है। दादू मंदिर में 11 बजे दादूवाणी की आरती होगी। शाम 4 बजे रावण दहन के लिए दादूपंथियों का दल रवाना होकर नांगल नदी पहुंचता, वहां रावण के पुतले को गोलियों से छलनी से किया जाता है। इसके बाद उसका दहन किया जाता है। इससे पहले विजयादशमी पर्व को लेकर बन्दूकबाज कई दिन पूर्व ही रिहर्सल करने लग जाते हैं। निशाना साधने की तैयारी के लिए रिहर्सल में कस्बे व आसआस के गांवों से काफी संख्या में लोग शामिल होते हैं।
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