Monday, May 6, 2024
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वेटरनरी: चिकित्सकीय अपशिष्ट का निस्तारण पशुओं के स्वास्थ्य के लिए जरूरी…

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बीकानेर Abhayindia.com पशुपालन विभाग के वेट और पैरावेट का पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन और निस्तारण पर एक दिवसीय प्रशिक्षण वेटरनरी विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया।

इस मौके पर वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. आर.के. सिंह ने कहा कि पशुओं के रोग निदान और उपचार कार्यों में चिकित्सकीय अपशिष्ट का सही निस्तारण मानव और पशु जगत के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस क्षेत्र की नई चुनौतियों और कुशलता के लिए ऐसे प्रशिक्षण जरूरी है। भारत सरकार की ओर से चिकित्सकीय अपशिष्ट के प्रबंधन और निस्तारण के मानक तय किए हुए हैं। विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान प्रो. हेमन्त दाधीच ने कहा कि जूनोटिक रोगों के कारण पशुचिकित्सकीय अपशिष्ट का सही निस्तारण रोगों की रोकथाम के लिए किया जाना जरूरी है।

विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूडिय़ा ने वेट-पैरावेट महिलाओं के प्रशिक्षण की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय की प्रसार गतिविधियों की जानकारी दी। विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक प्रो. उर्मिला पन्नू ने भी प्रतिभागियों को सम्बोधित किया। विश्वविद्यालय के पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट निस्तारण तकनीकी केन्द्र की प्रमुख अन्वेशक डॉ. रजनी जोशी ने बताया कि प्रशिक्षण के लिए दृश्य-श्रव्य माध्यमों से प्रायोगिक और सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया गया। इस विषय पर केन्द्र की ओर से ई-पाठ्यक्रम भी आगामी 3 से 5 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। केन्द्र की सह-अन्वेषक डॉ. दीपिका गोकलानी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में पशुपालन विभाग की 35 महिला पशुचिकित्सा अधिकारी और पशुधन सहायक शामिल हुई हैं।

डॉ. मनोहर सैन व डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने अपशिष्ट निस्तारण में उपयोगी तकनीकों का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया। डॉ. सैन ने संचालन किया।

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