Monday, May 6, 2024
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राजस्‍थान में अवैध खनन के मिल रहे अनोखे ठिकाने, सरकार को करोड़ों की चपत, एक अफसर सस्‍पेंड

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जयपुर Abhayindia.com राजस्‍थान में भजनलाल सरकार अवैध खनन की गतिविधियों के खिलाफ लगातार एक्‍शन ले रही है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर चल रहे राज्यव्यापी संयुक्त अभियान के दौरान अवैध खनन के जहां एक ओर नए-नए ठिकाने सामने आ रहे हैं वहीं, दूसरी ओर अब अफसरों पर भी गाज गिरने लगी है। इसी क्रम में एक अधिकारी को सस्‍पेंड भी कर दिया गया है। यह मामला नागौर के मूंडवा के पास अवैध खनन का है। इस बड़े और अनोखे मामले में सामने आया है खनन विभाग द्वारा लीज धारक से कंसेट टू आपरेट अर्थात् खनन कार्य शुरु होने की अनुमति से पहले ही एक लाख टन से अधिक खनिज सिलिका सेंड का अवैध खनन कर राज्य सरकार को करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा दिया वहीं, अब जांच के बाद नियमानुसार दस गुणा जुर्माना वसूला जाएगा।

राज्य सरकार को गोपनीय सूत्रों से मामले की जानकारी मिलने पर खान सचिव श्रीमती आनन्दी ने दूसरे जिले के अधिकारियों की विशेष टीम गठित कर मौके पर भेज कर जांच कराने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ है। जांच में बड़ी मात्रा में अवैध खनन पाया गया है वहीं, अब विभाग ने कड़ी कार्यवाही करते हुए इस तरह के दो स्थानों पर एक लाख 8 हजार 305 टन से अधिक अवैध खनन आकलन कर बड़ी कार्यवाही करते हुए 11 करोड़ 90 लाख से अधिक का जुर्माना प्रस्तावित किया है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए एक अधिकारी को सस्पेंड भी किया गया है।

अजमेर से लगाया जांच दल, गोटन रवाना होेने के दिए निर्देश

खान विभाग ने बेहद गोपनीय तरीके से कार्यवाही करते हुए नागौर मूंडवा क्षेत्र के इस मामलें में अधीक्षण खनि. अभियंता अजमेर पीआर आमेटा को टीम बनाकर तत्काल गोटन पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। आमेटा को गोटन पहुंचने पर अवैध खनन स्थान गोटन के पास खजवाना गांव भेजा गया। वहां पर पीआर आमेटा, खनि अभियंता अजमेर जय प्रकाश गोदारा, तहसीलदार मूंडावा, राजकुमार सिहाग और अन्य अधिकारियों की टीम ने मौका स्थल पर भारी मात्रा में सिलिका सेंड का अवैध खनन के निर्गमन के प्रमाण पायें। दरअसल, इनमें से एक लीज खान विभाग द्वारा हाल ही में जारी की गई थी और इसी माह की 8 जनवरी, 2024 को कंसेंट टू ऑपरेट हुआ था। जबकि मौके पर आवश्यकता से बड़ी पिट से 71 हजार 498 टन सिलिका सेंड का खनन कर निर्गमन का आकलन किया गया। इसमें 533 टन सिलिका सेंट का वैधानिक निर्गमन और 9 हजार टन का स्टॉक मौके पर मिला। इसके अलावा मौका मुआयना पर टीम द्वारा 61 हजार 966 टन सिलिका सेंड का अवैध खनन और निगर्मन पाया गया। जांच दल द्वारा इस पर 6 करोड़ 81 लाख रु. की शास्ती लगाई है।

इसी तरह से एक अन्य लीज पर 46 हजार 339 टन सिलिका सेंड का अवैध खनन कर निर्गमन कर राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाना पाया गया। इस पर भी जांच दल द्वारा नियमानुसार दस गुणा जुर्माना लगाते हुए 5 करोड़ 9 लाख रु. की शास्ती लगाई गई है।

सिलिका सेंड है महत्वपूर्ण खनिज

नागौर जिले में सिलिका सेंड खनिज बड़ी मात्रा में उपलब्ध है। अच्छी गुणवत्ता की सिलिका सेंड का उपयोग कांच और कांच से बनने वाले उत्पादों को बनाने में किया जाता है। इसी तरह से नागौर में नदी की बजरी नहीं होने और खातेदारी बजरी लीजों को न्यायालय के आदेशों से निरस्त होने के कारण हल्की गुणवत्ता की सिलिका सेंड का उपयोग कंस्ट्रक्शन कार्यों में लिया जाता है। जांच अधिकारियों के अनुसार अधिकांश सिलिका सेंड का खनन कर कंस्ट्रक्शन कार्यों के लिए निर्गमन किया गया है। जांच दल ने पाया कि क्षेत्र में सिलिका सेंड के टीले के टीले बने हुए हैं वहीं, जगह-जगह पर गहरी खुदाई देखी गई है।

राज्यव्यापी संयुक्त अभियान

मुख्यमंत्री भजन लाल के निर्देश पर 15 जनवरी से 31 जनवरी तक समूचे प्रदेश में राज्यव्यापी संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान अब तक करोड़ों रुपए के जुर्माने के साथ ही लाख टन से अधिक अवैध खनिज भण्डारण जब्त किया जा चुका है। विभाग स्तर पर 24ग7 चलाये जा रहे नियंत्रण कक्ष में सीधे आमजन से भी जानकारियां प्राप्त की जा रही है और प्राप्त शिकायत पर शीघ्र ही कार्यवाही के लिए संबंधित अधिकारियों को भेज कर तत्काल कार्यवाही रिपोर्ट मांगी जा रही है।

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