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जयपुर Abhayindia.com हड्डियों की गंभीर बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में लोगों में जागरुकता तो फैली है, लेकिन फिर भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। यह समस्या महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है लेकिन पुरुष भी इससे अछूते नहीं है। यह हड्डियों को कमजोर और नाजुक बनाती है। कमजोर हड्डियों की सुरक्षा के लिए घरेलू उपाय ढूंढते हैंए तो कुछ हड्डियों की कमजोरी का इलाज कैसे करें यह सवाल करते हैं। जरा सी चोट लगने पर हड्डियां टूट सकती हैं। कभी कभी झुकने, खांसने या छींकने से भी फ्रैक्चर हो सकता है। ऎसे में यह बहुत आवश्यक है कि इसके लक्षण पता लगने पर समय पर इसका उपचार शुरू कराएं।
एसएमएस अस्पताल, जयपुर के वरिष्ठ हड्डी रोग व विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि हमारी लाइफ स्टाइल के बदलने के कारण यह बीमारी होती है। इसमें हड्डियों के घनत्व या बीएमडी की कमी हो जाती है जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को असामान्य रूप से छिद्रयुक्त हड्डियों में बदल देती है जिसके कारण हड्डियां बार बार फ्रैक्चर होने लगती हैं। शुरूआती लक्षणों में इसकी पहचान करना मुश्किल है। जब छोटी–छोटी गतिविधियों में भी फ्रैक्चर होने लगता हैए तब इस रोग के बारे में पता चल था है। उन्होंने बताया कि 30 से 40 फीसदी मरीज रोजाना ऎसी बीमारी से ग्रस्त हो रहे है।
डॉ. शर्मा ने बताया की हड्डियों के पोषण के लिए जरूरी कैल्शियम और विटामिन की कमी के कारण भी होता है ओस्टियोपोरोसिस हो सकता है। शरीर में इन तत्वों की कमी होने पर यह बीमारी आसानी से जकड़ लेती है। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि 50 वर्ष की उम्र के बाद 50 मिग्रा कैल्शियम का सेवन आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए। इसके अलावा ओस्टियोपोरोसिस अनुवांशिक बीमारी है। परिवार में किसी को यह बीमारी हो चुकी है तो यह दूसरों को भी हो सकती है। फिजिकल एक्टिविटी की कमी धूम्रपान शराब का सेवन एविटामिन डी या अन्य दवाओं के सेवन से भी ओस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
बचाव के इन उपायों से मिल सकती है राहत…
डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि इस रोग में जितना हो सके व्यायाम करना चाहिए। सैर करना, हल्की एक्सरसाइ करना, योगा आदि से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, साथ ही शरीर में कैल्शियम का संतुलन भी बना रहता है। अगर आपकी हड्डियां कमजोर हैं तो जॉगिंग, ट्रेडमिल या टेनिस जैसे व्यायाम आपके लिए सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा खान–पान में कैल्शियम युक्त आहार, विटामिन डी के लिए कच्ची धूप ( प्रात 8 बजे तक) में बैठने जैसे उपायों से भी इस रोग से राहत पाई जा सकती है। ओस्टियोपोरोसिस के लक्षणः कमर या पीठ में दर्द होना, सामान्य गतिविधि में फ्रैक्चर हो जाना है।
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