सुरेश बोड़ा/जयपुर/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट चाहने वाले कांग्रेस के टिकटार्थियों को शक्ति प्रदर्शन नहीं करने की हिदायत दे दी गई है। इस हिदायत की अनदेखी करना टिकटार्थियों को महंगा भी पड़ सकता है। असल में, कांग्रेस ने इस बार टिकट बांटने के अपने पारंपरिक पैटर्न में आमूलचूल परिवर्तन कर दिया है।
नए पैटर्न के तहत अब टिकटार्थियों स्क्रीनिंग कमेटी और पर्यवेक्षकों के समक्ष आवेदन नहीं करना पड़ेगा। जबकि पूर्व में ऐसी परिपाटी चलती थी। इससे पार्टी में न केवल फूट उजागर होती थी, बल्कि इसका असर ऐन चुनाव के वक्त भी देखने को मिलता था। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने टिकट देने के पैटर्न को बदल दिया है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो हाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान टिकट बांटने की पुरानी परम्परा समाप्त करने पर बात हुई है। इसके बाद ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी जिला कांग्रेस कमेटियों के माध्यम से टिकटार्थियों को शक्ति प्रदर्शन नहीं करने की हिदायत दी गई है।
अगस्त में शुरू होगी चर्चा
पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में चुनाव के मद्देनजर टिकट को लेकर अगस्त से कवायद तेज हो जाएगी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री शैलजा की अध्यक्षता में गठित प्रदेश की स्क्रीििनंग कमेटी अगले महीने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रत्याशियों के चयन को लेकर चर्चा करेगी। कमेटी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत, डॉ. सी. पी. जोशी, मोहन प्रकाश, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह आदि अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ संभावित प्रत्याशियों को लेकर चर्चा करेगी। पूर्व मंत्री शैलजा की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में शाकिर सनदी और ललितेश त्रिपाठी सदस्य के रूप में शामिल है।
ऐसे तैयार होगी सूची
प्रदेश कांग्रेस कमेटी जिला कांग्रेस कमेटियों से जुड़े कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर प्रत्येक विधानसभा सीट के लिए संभावित प्रत्याशियों की सूची बनाने में जुट गई है। यह सूची अगस्त में स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष पेश कर दी जाएगी। इसके बाद उक्त कमेटी इस सूची के नामों पर चर्चा करेगी, फिर उक्त नाम केन्द्रीय चुनाव समिति को सुपुर्द कर देगी। जहां सूची को अंतिम रूप दिया जा सकेग।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ‘अभय इंडिया’ को बताया कि शीर्ष नेतृत्व की ओर से टिकट के लिए लागू किए गए नए पैटर्न से पार्टी को काफी फायदा होगा। इससे गुटबाजी काफी हद तक रूक सकेगी, साथ ही शक्ति प्रदर्शन के नाम पर होने वाले संसाधनों के दुरुपयोग पर भी रोक लग सकेगी।
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