Sunday, May 5, 2024
Hometrendingन्याय के देवता शनि की वक्री चाल, देश और पूरे विश्व की...

न्याय के देवता शनि की वक्री चाल, देश और पूरे विश्व की होगी अग्नि परीक्षा,12 जुलाई से…

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

शनि अपनी मूल त्रिकोण कुम्भ राशि से पुनः वक्री होकर अपनी स्व राशि मकर में 12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक विचरण करेगा। विशेष रूप से शनि का 16 जुलाई से कर्क के सूर्य से समसप्तक योग बन रहा है। यह समय भारत और विश्व में अनेकों अनहोनी घटनाएं घटने का योग बन रहा है जो सदियों तक याद किया जाएगा।

देश की न्याय पालिका, कार्यपालिका ओर विधायिका के अजीबोगरीब फैसलों से टकराव की स्थिति देश मे पैदा होगी। केंद्रीय सत्ता के लिए यह समय परीक्षा की घड़ी साबित होगा। देश के राजनीतिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और कला के क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों की क्षति का योग बन रहा है। राममंदिर निर्माण को लेकर सत्ता और सन्तों के बीच विवाद खड़ा होगा। सामाजिक और धार्मिक उन्माद अपने चरम पर होने से अनावश्यक  दुर्घटनाएं घटेगी। देश की आर्थिक स्थिति में अवरोध पैदा होने से महंगाई अपने चरम पर होगी तथा रुपये का अवमूलन तेजी से होगा।

जैसा कि पहली पोस्टों में बताया जा चुका है कोरोना आदि का संक्रमण हर चार माह में अपने विविध रुपों में पूरे विश्व मे जून 2024 तक अपना तांडव मचाएगा। शनि की वक्र चाल से संक्रमण रोग से पीड़ा ज्यादा होगी। प्राकृतिक आपदाओं का योग प्रबल है। ये अनेक रूपों में तबाही मचाएगा।

12 जुलाई से शनि वक्री होने पर मानसून अपनी विचित्र गति को प्राप्त कर लेगा। मानसून वैज्ञानिकों को भी सही आँकलन करने में जद्दोजहद करनी पड़ेगी। यानि मौसम की गति का पूर्वानुमान लगाना मुश्किल हो जाएगा। भारत की विदेश नीति में बदलाव की स्थिति बनेगी क्योंकि मित्र देशों का व्यवहार भारत के अनुकूल नही रहेगा। इस समय पूरे विश्व में अनिश्चिन्तता ओर सत्ता संघर्ष का दौर चलेगा। कई देश आपसी सत्ता संघर्ष में परमाणु हथियारों का वैकल्पिक उपयोग करेंगे जो मानवता के लिए घातक साबित होगा। कई देश अपनी ताकत के बल पर दूसरे देशों या की उनकी सीमाओं में प्रवेशकर जमीन पर कब्जा करेंगे। कुल मिलाकर 17 जनवरी 2023 तक का समय पूरे विश्व के लिए चुनौती भरा साबित होगा।

शनि की वक्र चाल से विभिन्न राशियों पर प्रभाव इस प्रकार रहने की संभावना है…

मेष –  राजपक्ष से लाभ, धन प्राप्ति में रुकावट, पिता को लाभ शुभ और अशुभ दोनों फल मिलेंगे, यात्रा योग प्रबल खर्च भी होगा।

वृष- राजयोग प्रबल, धन लाभ, सन्तान की उन्नति, घर मे मंगलकार्य होंगे यश मिलेगा

मिथुन – शनि का ढैय्या ओर लोहे का पाया है, इसलिए शारीरिक पीड़ा, कुटुम्ब में आकस्मिक दुर्घटनाओं का योग आर्थिक नुकसान होगा, यात्रा योग प्रबल।

कर्क –  यश अपयश का योग, अनायास धन लाभ, घर मे आकस्मिक दुर्घटनाओ का योग, स्त्री पक्ष की चिंता, खर्च अधिक

सिंह –  धन लाभ, रोग शत्रुओं का जोर, मुकदमेबाजी में विजय, ससुराल पक्ष की चिंता, सन्तान की उन्नति, माता को कष्ट।

कन्या –  आर्थिक उठापटक रहेगी, व्यवसाय की चिंता, पिता को लाभ, किसी मुकदमे में हार मिलेगी, यात्रा योग, स्वास्थ्य पीड़ा होगी।

तुला – शनि की ढैय्या व लोहे का पाया है, इसलिए मानसिक, शारीरिक पीड़ा का योग, धन हानि, बेकार के विवाद  से परेशानी, मांगलिक कार्यो में बाधाएं, परिवार में अशान्ति, प्रबल कर्ज योग है।

वृश्चिक –  जमीन सवारी का लाभ, स्थान परिवर्तन का योग, मानसिक तनाव, धन लाभ, पारिवारिक समस्याएं होगी।

धन – शनि की धन शनि की साढ़ेसाती चांदी के पाए में चालू होगी सो धन प्राप्ति कठिनता से होगी, पारिवारिक समस्याओं का निदान निकलेगा, स्वास्थ्य पीड़ा, यात्रा में नुकसान

मकर –  शनि की साढे साती सोने के पाए में चालू होगी स्वास्थ्य पीड़ा, आय के साधन बनेंगे, सन्तान की उन्नति, अनावश्यक खर्च यह समय शुभ-अशुभ दोनों फल देगा।

कुम्भ- शनि की साढ़े साती लोह के पाए में है। परिवार में दुर्घनाओं का योग, खर्च अधिक, कार्य क्षेत्र में मुश्किलें होगी, घर  वाहन का योग, सन्तान की उन्नति होगी।

मीन –  धन लाभ, जमीन का सुख मिलेगा, सन्तान पक्ष की चिंता, कार्य क्षेत्र में तकरार का योग, पत्नी पीड़ा, स्वास्थ्य पीड़ा का योग। -पंडित गिरवर प्रसाद बिस्सा, 9413481194

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular