Friday, April 26, 2024
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राजनीतिक नियुक्तियों का मुद्दा : जयपुर का सफर पूरा, अब दिल्‍ली जाएगा बीकानेर का मुस्लिम समाज

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बीकानेर (सुरेश बोड़ा) Abhayindia.com प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा खुलने की संभावनाओं को देखते हुए कांग्रेस के नेता और कार्यकर्त्‍ता अब पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। इसी क्रम में बीकानेर मुस्लिम समाज ने भी अपनी कमर कस ली है। पिछले दो दिनों से राजधानी जयपुर में डेरा डालने के बाद हालांकि समाज के लोग आज सुबह बीकानेर के लिए रवाना हो रहे हैं। लेकिन, अब वे कुछ दिन बाद देश की राजधानी दिल्‍ली की ओर रुख करने वाले हैं। जहां वे राजस्‍थान प्रभारी अजय माकन से मिलेंगे। इसकी जमीनी तैयारी दो दिन में जयपुर में रह कर उन्‍होंने पूरी भी कर ली है। कैबिनेट मंत्री डॉ. बी. डी. कल्‍ला, उच्‍च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, विधायक गोविंद मेघवाल ने बीकानेर मुस्लिम समाज को राजनीतिक नियुक्तियों में तरजीह देने के लिए राजस्‍थान प्रभारी अजय माकन से न केवल बात की है, बल्कि मुस्लिम नेताओं को उनसे मिलाने को लेकर भी आश्‍वस्‍त कर दिया है।

इससे पहले मंगलवार को बीकानेर के इन्‍हीं तीन नेताओं ने मुस्लिम समाज शिष्‍टमंडल की कांग्रेस प्रदेशाध्‍यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से मीटिंग कराई थी। इस मीटिंग के दौरान डॉ. कल्‍ला, भाटी और मेघवाल तीनों ने ही बीकानेर जिले में मुस्लिम वोटर की ताकत से अवगत कराते हुए राजनीतिक नियुक्तियों में इन्‍हें पूरी तवज्‍जो देने की मांग रखी। मीटिंग के दौरान पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद, अब्‍दुल मजीद खोखर, पूर्व उपमहापौर हारून राठौड आदि मुस्लिम नेताओं ने डोटासरा के समक्ष अपनी मांगें रखी। उन्‍होंने बताया कि बीकानेर जिले के पौने तीन लाख मुस्लिम वोटर्स सात में से छह सीटों पर हार-जीत तय करते हैं। समाज के 95 प्रतिशत से भी ज्‍यादा वोटर्स हमेशा से कांग्रेस का साथ देते आए हैं। इसके बावजूद राजनीतिक नियुक्तियों में इस वर्ग को समुचित सम्‍मान नहीं मिल रहा। शिष्‍टमंडल ने यूआईटी, एआईसीसी, पीसीसी और बोर्ड व निगमों में मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों को स्‍थान देने की मांग उठाते हुए कहा कि ऐसा होने से क्षेत्र में न केवल पार्टी और मजबूत होगी, बल्कि समाज के कार्यकर्त्‍ताओं का भी मनोबल बढ सकेगा।

बीकानेर में क्‍यों हो रही अनदेखी?

आपको बता दें कि बीकानेर के मुस्लिम समाज में इस बात को लेकर गहरी नाराजगी है कि उन्‍हें बीकानेर में चुनावी टिकट के साथ राजनीतिक नियुक्तियों के मामले में अभी तक कोई खास तरजीह नहीं मिल पाई है। वहीं, चूरू सहित अन्‍रू जिलों में अल्‍पसंख्‍यक वर्ग के प्रतिनिधियों को न केवल विधानसभा चुनाव के टिकट मिल चुके हैं, बल्कि राजनीतिक नियुक्तियों के मामले में भी वे आगे रहे हैं। बीकानेर जिले की सात विधानसभा सीटों में से एक भी मुस्लिम नेता को टिकट नहीं मिला है। लोकसभा सीट सुरक्षित है। पार्टी ने ब्राहमण, राजपूत, ओबीसी, एससी सहित अन्‍य वर्गों को चुनावी टिकट के अलावा अन्‍य महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेदारियां समय-समय पर दी है, लेकिन मुस्लिम समाज को नजरअंदाज किया गया है। ऐसे में अब इस समाज की ओर भी पार्टी को ध्‍यान देना चाहिए।

ये हैं दावेदार…

बीकानेर मुस्लिम समाज की ओर से सत्‍ता और संगठन में भागीदारी के लिए वैसे तो कई चेहरे दावेदार के रूप में सामने आ रहे हैं। इनमें पूर्व महापौर मकसूद अहमद, जो कि ब्‍लॉक स्‍तर से राजनीतिक शुरू करते हुए पार्षद, महापौर, यूआईटी अध्‍यक्ष जैसे पदों पर रह चुके हैं। अब वे प्रदेश में अल्‍पसंख्‍यक वर्ग से संबंधित वक्‍फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड आदि के लिए तगडे दावेदार माने जा रहे हैं। मकसूद अहमद की छवि भी निर्विवाद रही है। वे चाहे निकाय चुनाव हो या विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव, हर चुनाव में कांग्रेस प्रत्‍याशियों के लिए समाज का एकजुट समर्थन दिलाने में कभी पीछे नहीं रहे हैं। कम आयु में सभापति, महापौर और यूआईटी अध्‍यक्ष जैसे पदों का अनुभव होने के कारण उन्‍हें प्रदेश स्‍तरीय नियुक्तियों का सबसे तगडा दावेदार माना जा रहा है। इसी तरह यूआईटी अध्‍यक्ष पद और संगठन में भागीदारी के लिए पूर्व उपमहापौर हारून राठौड, अब्‍दुल मजीद खोखर, सलीम सोढा, इकबाल समेजा, डॉ. तनवीर मालावत, माशूक अहमद, मो. शब्‍बीर, सलीम भाटी, साजिद सुलेमानी, जावेद प‍डीहार के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं।

By- Suresh Bora

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