Wednesday, May 8, 2024
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प्रदेश : निजी भूमि में खातेदार के रजिस्टर्ड सहमति धारक भी ले सकेेंगे खनन पट्टा, सीएम ने दी संशोधन को मंजूरी…

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जयपुर Abhayindia.com मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निजी खातेदारी भूमि में खातेदार के रजिस्टर्ड सहमति धारक को भी खनन पट्टा एवं क्वारी लाइसेंस का आवंटन करने के लिए राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

गहलोत ने वर्ष 2021-22 के बजट में इस संबंध में घोषणा की थी। इस बजट घोषणा की क्रियान्विति करते हुए मुख्यमंत्री ने खातेदार को उसकी खातेदारी भूमि में एक से चार हैक्टेयर तक के  खनन पट्टे अथवा क्वारी लाइसेंस डेडरेंट या क्वारी रेंट के पांच गुना निश्चित प्रीमियम पर एवं डेडरेंट अथवा क्वारी रेंट के दस गुना निश्चित प्रीमियम पर खातेदार के रजिस्टर्ड सहमति धारक को आवेदन पत्र के माध्यम से आवंटित करने के लिए राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली-2017 में संशोधन की अधिसूचना के प्रारूप को मंजूरी दे दी है।

 

 

जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में 27 जुलाई को नगरीय निकाय उपचुनाव प्रस्तावित है। लेकिन इस बार प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार के लिए कोरोना ने रोडा अटका दिया है।

निर्वाचन आयोग ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है, इसके अनुसार इन चुनावों में कोई उम्मीदवार ना ही चुनावी सभा कर सकेगा और ना ही रैली निकाल सकेगा। यदि उम्मीदवार नामांकन पत्र भरने के दौरान किसी कारण उपस्थित नहीं रहता तो उस स्थिति में उसका प्रस्तावक नामांकन पत्र भर सकेगा।

बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने दो दिन पहले प्रदेश की 9 जिलों की 16 नगरीय निकायों के 18 वार्डों में उपचुनाव की घोषणा की है। इन चुनावों के लिए नामांकन पत्र 12 जुलाई से भरे जाएंगे, जबकि 26 जुलाई को वोटिंग होगी। आयोग ने चुनाव को लेकर गाइडलाइन भी जारी की है, इसमें आगामी दिनों में होने वाले पंचायत और निकाय चुनावों के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

घर-घर दस्तक में पांच लोग…

इस बार प्रत्याशी वोट के लिए घर-घर दस्तक तो दे सकेगा, लेकिन महज 5 लोगों को ही अपने साथ ले जा सकेगा। यह निर्णय कोरोना के खतरे को देखते हुए किया गया है।

जीत का जश्न भी नहीं…

इस बार चुनाव जीतने के बाद भी उम्मीदवार अपना जश्न नहीं मना सकेगा। इसमें नामांकन भरने के लिए जाते समय और चुनाव का रिजल्ट में जीतने के बाद भी कई तरह की पाबंदियां रहेगी। इन दोनों ही परिस्थितियों में उम्मीदवार रैली या जुलूस नहीं निकाल सकेगा। अगर ऐसा कोई उम्मीदवार करता मिला तो उसके नामांकन रद्द भी किया जा सकेगा।

यह रहेगा चुनाव कार्यक्रम…

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम में राज्य के 9 जिलों की 16 नगरीय निकायों के 18 वार्डों में चुनाव कराए जाएंगे। इनमें 2 नगर पालिकाओं में वार्ड पार्षद के बाद पालिका के अध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव होंगे।

वहीं हनुमानगढ़ जिले की भादरा और चूरू जिले की रतननगर पालिका शामिल है। इन चुनाव के लिए 12 जुलाई से नामांकन भरे जाएंगे, जिसकी अंतिम तिथि 16 जुलाई है। चुनाव परिणाम 28 जुलाई को आएगा। भादरा और रतननगर में 29 जुलाई को अध्यक्ष पद के प्रत्याशी नामांकन करेंगे, 30 जुलाई नामांकन की अंतिम तिथि रखी गई है।

नहीं रहे ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार, उनसे जुड़ी ये बातें जानकर रह जाएंगे आप हैरान…

नई दिल्‍ली Abhayindia.com भारतीय सिनेमा के ट्रेजेडी किंग कहे जाने वाले दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का आज सुबह निधन हो गया है। वे 98 साल के थे। सांस लेने में दिक्कत होने पर 29 जून को उन्‍हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिलीप कुमार की निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड इंडस्ट्री को बड़ा सदमा लगा है। सेलेब्स सोशल मीडिया के जरिए अपने इस महान अभिनेता को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। दिलीप कुमार के डॉक्टर जलील पारकर ने मीडिया से कहा, ‘दिलीप साहब उम्र से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे थे।

आपको बता दें कि बीते साल दिलीप कुमार के दो छोटे भाइयों का इंतकाल हो गया था। 21 अगस्त को 88 साल के असलम का और फिर 2 सितंबर को 90 साल के अहसान चल बसे। इसके चलते सायरा बानो और दिलीप कुमार ने 11 अक्टूबर को अपनी शादी की 54वीं सालगिरह का जश्न नहीं मनाया था।

पांच दशक और 54 फिल्में

दिलीप कुमार ने पांच दशक के अपने करियर के दौरान केवल 54 फिल्मों में ही काम किया। उनके बारे में एक बात और कही जाती है कि उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों को ठुकरा दिया था, क्योंकि उनका मानना था कि फिल्में कम हों, लेकिन बेहतर हों। कई लोग बताते हैं कि उन्हें इस बात का मलाल रहा था कि वे फिल्म ‘प्यासा’और ‘दीवार’में काम नहीं कर पाए।

उनकी हिट फिल्मों में ‘ज्वार भाटा’ (1944), ‘अंदाज’ (1949), ‘आन’ (1952), ‘देवदास’ (1955), ‘आजाद’ (1955), ‘मुगल-ए-आजम’ (1960), ‘गंगा जमुना’ (1961), ‘क्रान्ति’ (1981), ‘कर्मा’ (1986) और ‘सौदागर’ (1991) शामिल हैं।

दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई नासिक में की थी। करीब 22 साल की उम्र में ही दिलीप कुमार को पहली फिल्म मिल गई थी।

पीएम मोदी ने जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि दिलीप कुमार जी सिनेमा लेजेंड के तौर पर हमेशा याद रहेंगे। उनका जाना हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए नुकसान है। प्रधानमंत्री ने दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बनो से भी फोन पर बात करके शोक संवेदना व्यक्त की है।

 

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