Friday, January 10, 2025
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…इसलिए इस बार तेरह माह का होगा हिन्दू नव संवत्सर

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बीकानेर abhayindia.com मार्च में हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। विक्रम संवत 2077 यानि नव संवत्सवर 25 मार्च को शुरू होगा। 2077 संवत्सर प्रमादी नाम से पहचाना जाएगा। प्रमादी संवत के प्रभाव से कृषि और व्यापारिक क्षेत्र में विकास देखने को मिल सकता है। इस संवत के राजा बुध होंगे और मंत्री चंद्रमा होंगे। विक्रम संवत 2077 की सबसे बडी खासियत यह है कि इसमें अधिमास होगा यानि इस साल 12 माह की बजाए 13 चंद्र माह होंगे।

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सौर वर्ष 365 दिन और चंद्र वर्ष 354 दिन का होता है। इससे हर साल 11 दिन का अंतर आता है, जो तीन साल में बढ़कर करीब एक माह का हो जाता है। इस अंतर को कम करने के लिए अधिमास की व्यवस्था की गई है। सौर मास और चंद्र मास में संतुलन बनाने के लिए हर तीन साल बाद आनेवाले इस अधिमास को मल मास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस साल अश्विन का अधिक मास रहेगा, जो 17 सितंबर से 16 अक्टूबर तक रहेगा।

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शुभ होता है अधिक मास : ज्योतिषाचार्य पंडित गेवरचंद भादाणी के अनुसार अधिक यानि पुरुषोत्तम मास हर हाल में शुभ ही होता है, हालांकि अधिक मास में विवाह जैसे शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। अधिक मास वाले साल में आमजन और समाज की खूब प्रगति होती है। लोगों में धर्म और अपने कर्तव्यों का पालन करने में ज्यादा रुचि रहती है। इस माह में भागवत कथा व अन्य मांगलिक कार्यों का आयोजन किया जाता है।

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अधिमास का कोई स्वामी न होने से देवताओं ने इसे अशुद्ध माना। मान्यताओं के अनुसार, जब वे इस संबंध में भगवान विष्णु के पास गए तो उन्होंने अधिमास को अपना नाम दे दिया। इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। मान्यता यह भी है कि इस माह में किए गए मंत्र जाप, अनुष्ठान आदि का त्वरित परिणाम प्राप्त होता है।

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