Thursday, December 12, 2024
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…इसलिए इस बार होली 11 दिन जल्‍दी और दीवाली 17 दिन की देरी से आएगी

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बीकानेर abhayindia.com इस साल के मुकाबले अगले साल में हिन्दी तीज-त्योहारों की स्थिति बदली रहेगी। वर्ष 2020 में गणेश उत्सव तक पडऩे वाले सभी पर्व जहां करीब 11 दिन पहले आएंगे, वहीं नवरात्र से दिवाली के बाद तक सभी पर्व 15 से 17 दिन की देरी से आएंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि हर तीसरे वर्ष पडऩे वाला अधिकमास अगले साल पड़ रहा है। वर्ष 2020 में होली का पर्व जहां इस साल के मुकाबले 11 दिन जल्दी आएगा, वहीं दिवाली पर्व 17 दिन की देरी से आएगा। अगर इस साल से तुलना करें तो अगला साल तीज-त्योहारों के मामले में एकदम उलट होगा। वर्ष 2019 में चातुर्मास के पहले अर्थात महाशिवरात्रि, होली, अक्षय तृतीया आदि पर्व जहां देरी से आए थे, वहीं चातुर्मास के दौरान के पर्व गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव, दशहरा, दिवाली आदि 10 से 15 दिन जल्दी आए थे।

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सितंबर माह में रहेंगे पर्व : आमतौर पर हर साल अगस्त और सितंबर माह में सबसे अधिक पर्व रहते हैं, लेकिन इस बार पर्वों की धूम अगस्त और अक्टूबर माह में रहेगी। सितंबर की शुरुआत के साथ ही पितृपक्ष शुरू हो जाएंगे। इसके बाद 18 सितंबर से अधिकमास प्रारंभ होगा। इसलिए इस माह में कोई तीज-त्योहार नहीं रहेगा। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, हरतालिका तीज, गणेश उत्सव अगस्त में तो नवरात्र, दशहरा, शरद पूर्णिमा आदि पर्व अक्टूबर माह में आएंगे। इसके बाद करवा चौथ, दिवाली सहित अन्य पर्व नवंबर माह में आएंगे।

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इसलिए बढ़ जाता है एक माह : पंडित गेवरचंद भादाणी के अनुसार तीज-त्योहारों की गणना हिन्दी पंचांगों के हिसाब से की जाती है। इसके लिए हिन्दी का माह और तिथि निर्धारित है। पंचांग के अनुसार उसी तिथि पर यह त्योहार आते हैं, लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आगे पीछे इसलिए हो जाते है कि हिन्दी कैलेंडर में हर तीसरे साल अधिकमास होता है। इस स्थिति में एक माह की अवधि बढ़ जाती है। इसलिए अंग्रेजी कैलेंडर की गणना के हिसाब से त्योहार आगे पीछे होते है और उनका क्रम बदलता है। अंग्रेजी में लीप ईयर होता है, उसी तरह हिन्दी कैलेंडर में अधिकमास है। अगले साल अधिकमास रहेगा, इसलिए एक महीना बढ़ जाएगा। इसलिए इस तरह की स्थिति बनेगी। अगले साल 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक अधिकमास रहेगा।

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