अभय इंडिया डेस्क.
इस बार बसंत पंचमी के पर्व 22 जनवरी पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। विधि अनुसार यदि शुभ मुहूर्त में मां की पूजा करेंगे तो उनकी कृपा जरूर बरसेगी। सबको पता है कि विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा इस दिन की जाती है। 21 जनवरी को दोपहर बाद 3.33 बजे बसंत पंचमी आरंभ हो रही है। 22 जनवरी को सायं 4 बजकर 25 बजे तक पंचमी रहेगी।
मां सरस्वती की पूजन करने का समय प्रात:काल होता है, इसलिए बसंत पंचमी का त्योहार 22 जनवरी को ही मनाया जाएगा। सुबह 7 बजकर 23 मिनट पर सूर्योदय होगा। सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक राहुकाल है। राहुकाल में पूजा निषेध मानी जाती है। पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 11.36 बजे से दोपहर 12.24 बजे रहेगा। 22 जनवरी को सुबह 11.22 बजे से मेष लग्न शुरू होगी और 12.54 बजे समाप्त होगी। इस लग्न में पूजा करने का महत्व इसलिए है कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की लग्न पर दृष्टि है और विद्या भाव के स्वामी सूर्य दशम भाव में विराजमान हैं। इस कारण यह महासरस्वती की पूजा का अच्छा समय है। 22 जनवरी को मीन राशि पर चंद्रमा है। इसलिए बसंत पंचमी पर वर्गोत्तम योग बन रहा है।
चंद्रग्रहण 31 को
इस नए साल का पहला ग्रहण आगामी 31 जनवरी को पूर्णिमा पर खग्रास चन्द्रग्रहण होगा। यह पूरे भारत में दिखाई देगा। ग्रहण 31 जनवरी की सायं 5.18 बजे पर शुरू होगा और रात 8.42 पर समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि 3 घंटे 24 मिनट होगी। यह ग्रहण कर्क राशि और पुष्य अश्लेषा नक्षत्र में हो रहा है।