सोहनलाल सारस्वत/हेमेरां/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। उनके सिर पर न तो धूप से बचने के लिए छांव है और न ही बैठने-बिछाने के लिए माकूल इंतजाम। चिलचिलाती धूप हो, या फिर बारिश और सर्दी। लगभग 285 विद्यार्थी विषम परिस्थितियों में पढ़ाई करते हैं। हम ये हाल बता रहे हैं रुणिया बड़ाबास की राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल का।
कहने को तो यह 12वीं तक का स्कूल हैं, लेकिन सुविधा प्राथमिक स्तर के विद्यालय जितनी भी नहीं है। बारह कक्षाओं वाले इस स्कूल में कमरे केवल छह ही है। बाकी की छह कक्षाएं खुले में संचालित होती है। गर्मियों में जहां समीप के पंचायत भवन में एक पेड़ के नीचे और सर्दियों में खुले चौगान में व बरामदे में कक्षाएं लगाई जाती है। जहाँ हाड़कंपा देने वाली ठण्ड में भी बच्चों को बिछाने के लिए दरियां तक नसीब नहीं होती। बारिश में तो कई कक्षाओं के बच्चों को एक साथ बिठाकर पढऩा पड़ता हैं। स्कूल में कक्षा कक्ष के अभाव में बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधानाचार्या चंद्रकला चौधरी ने बताया कि स्कूल में 285 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जबकि इनके बैठने के लिए मात्र 6 कमरे ही हैं। इसमें भी एक में प्रधानाचार्य कार्यालय चल रहा हैं। कक्षा कक्ष के अभाव में विद्यार्थियों को मजबूरन खुले में बिठाना पड़ रहा हें। ग्राम पंचायत सरपंच मुक्ता सारस्वत ने बताया कि इस बारे में विभाग के उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत करवा चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस है। ग्रामीणों ने गत वर्ष सत्र के शुरू में विद्यालय की ताला बंदी भी की थी, तब जिला शिक्षा अधिकारी ने समस्या निराकरण का आश्वासन दिया, लेकिन काम कुछ भी नहीं हुआ।
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